गोंदिया असमर्थ परिवारों के लिए शासन की ओर से अनुदान योजनाएं चलाई जाती है लेकिन उक्त योजना के तहत अनुदान की राशि स्वीकृत करने के एवज़ में भी लाभार्थियों से रिश्वत की मांग की जा रही है।
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक्शन ले रही एंटी करप्शन ब्यूरो टीम ने घूसखोर पशुधन विकास अधिकारी और उसके साथीदार ड्राइवर को रंगेहाथों गिरफ्तार किया है।
वाक्या कुछ यूं है कि ?
गोंदिया जिले के सालेकसा तहसील के ग्राम गोरे निवासी 48 वर्षीय शिकायतकर्ता को मराठवाड़ा पैकेज अंतर्गत बकरी पालन हेतु सब्सिडी के तहत आवंटन किया गया है तथा उसके द्वारा खरीदी गई बकरियों की सब्सिडी के एवज़ में उसे पहली किश्त का 57350 रुपए का चेक भी पूर्व में मिल चुका है।
सब्सिडी की दुसरी किश्त 57,350 रुपए का धनादेश निकालने के लिए पंचायत समिति सालेकसा के पशुधन विकास अधिकारी (वर्ग 2) सरोजकुमार बावनकर (56 निवासी टी.बी. टोली गोंदिया) ने फिर्यादी से 5 हजार रुपए रिश्वत देने की मांग की जिसके बाद मोलभाव पश्चात सौदा 4 हजार रुपए में तय हुआ।
चूंकि शिकायतकर्ता को चढ़ावे की रकम देना मंजूर नहीं था लिहाज़ा उसने मामले की शिकायत भ्रष्टाचार प्रतिबंध विभाग के गोंदिया दफ्तर में कर दी।
प्राप्त शिकायत की एसीबी अधिकारियों ने जांच पड़ताल करते हुए जाल बिछाया और सोमवार 18 मार्च को सफल कार्रवाई को अंजाम देकर आरोपी पशुधन विकास अधिकारी बावनकर को उसके वाहन चालक (मोबाइल पशुवैद्यकीय दवाखाना, सालेकसा) भुमेश्वर चौहान (33 निवासी गोरे) के माध्यम से फिर्यादी से 4 हजार रुपए रिश्वत स्वीकार करते हुए पंच गवाहों के समक्ष धरदबोचा।
अपने स्वंय के फायदे के लिए लोकसेवक पद का दुरूपयोग करने वाले घूसखोर दोनों आरोपियों के खिलाफ अब सालेकसा थाने में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह कार्रवाई एसीबी नागपुर के पुलिस अधीक्षक राहुल माकणीकर, अपर पुलिस अधीक्षक सचिन कदम, संजय पुरंदरे के मार्गदर्शन में पुलिस उपअधीक्षक (एसीबी गोंदिया) विलास काले, पोनि अतुल तवाड़े, उमाकांत उगले, सउपनि. चंद्रकांत करपे, पो.ह. संजयकुमार बोहरे, मंगेश कहालकर, नापोसि संतोष शेंडे, नापोसि संतोष बोपचे, अशोक कापसे, प्रशांत सोनवाने, मनापोसि संगीता पटले, चालक दिपक बाटबर्वे आदि ने की।
रवि आर्य