Published On : Wed, Jun 1st, 2022

गोंदिया: जमीनों की कालाबाजारी , मुनाफाखोरी का खेल शुरू

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नए फोर-लेन से किसे होगा फायदा ? कभी किसानों की थी जमीन ..अब राजनेता और बिल्डरों के नाम

गोंदिया: ट्रैफिक लोड और शहर की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखकर हाईवे , राज्य महामार्ग और शहर के चारों ओर रिंग रोड बनाया जा रहा है साथ ही अब गोंदिया को स्मार्ट सिटी का रूप भी दिया जाएगा यह शगुफा भी छिड़ चुका है।

फोरलेन हाईवे निकलने की सूचना से अक्सर जमीन की खरीद-फरोख्त शुरू हो जाती है , कुछ ऐसी ही हलचल गत 2 दिनों से अब गोंदिया में देखी जा रही है। प्रोजेक्ट की एलाइनमेंट या नोटिफिकेशन प्रक्रिया को लेकर संबंधित अधिकारियों से लेकर राजस्व कर्मचारियों तक से लैंड डेवलपर्स, प्रॉपर्टी ब्रोकर और दलाल संपर्क साधने में जुट गए हैं तो वहीं कई भू-माफिया राजनेताओं से जानकारियां इकट्ठा करने में मशगूल हो गए हैं , मकसद केवल एक है जमीनों की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी…..?

ऐसे में सवाल यह उठाया जा रहा है कि इन परियोजनाओं से किसे फायदा होगा ? भूमि उन किसानों की है जो लाभान्वित होने के लिए खड़े होंगे लेकिन यह स्पष्ट रूप से सच नहीं है , इन परियोजनाओं के दायरे में आने वाली अधिकांश भूमि बिल्डर और लैंड डेवलपर्स के पास है जिनमें से अधिकांश राजनेताओं के करीबी और रिश्तेदार हैं।

जानकारों की मानें तो जिनकी पहले से जमीनें ली हुई पड़ी है वे प्रोजेक्ट को उसी दिशा में धकेलेंगे इससे राजनेताओं को फायदा होगा क्योंकि वह अपनी खेती और बंजर पड़ित जमीन को सार्वजनिक कीमत पर विकसित करवाएंगे और फिर यह रिंग रोड या फोरलेन सड़क बनने के बाद ले-आउट और प्लाटिंग कर , एक पैसा खर्च किए बिना इससे मुनाफा कमाएंगे।

इसलिए गोंदिया में एक धारणा आकार ले रही है कि सार्वजनिक सरकारी धन इन निजी भूमि खिलाड़ियों को समृद्ध करने पर खर्च किया जाएगा जो राजनेता भी हैं।

इसलिए स्मार्ट सिटी की यह प्रस्तावित परियोजना भी अब आलोचना के दायरे में आ रही है।

जब हमने इस संदर्भ में चिन्हित क्षेत्रों में केंद्रित विकास की बागडोर संभालने वाले कुछ अधिकारियों से बात की- उन्होंने कहा हाईवे, राज्य महामार्ग निकलने की सूचना से जमीन खरीद को लेकर कालाबाजारी ना हो व भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आसानी से पूरी की जा सके इसलिए अब कुछ समय के लिए जिन इलाकों में यह परियोजनाएं चलेंगी उनसे लगे हुए गांवों की जमीन की खरीद-फरोख्त और रजिस्ट्री बंद की जाएगी ताकि प्रोजेक्ट में लगने वाली भूमि आसानी से अधिग्रहित हो।

विशेष उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 29 मई को 3 परियोजनाओं का शिलान्यास करते हुए तंज कसते कहा था- मेरा रिंग रोड बनने से पहले आप वहां स्मार्ट सिटी की परियोजना तैयार करिए ,नहीं तो रोड में बनाऊंगा और सब लोग जमीन खरीद करेंगे और दुगने भाव में बेचेंगे यह बात तो ठीक नहीं ?

शायद गडकरी जी भी गोंदिया के भू- माफियाओं के हरकतों से वाकिफ हैं इसीलिए उन्हें मंच से यह बात करनी पड़ी।

रवि आर्य