नगर परिषद लाइसेंस विभाग में रिश्वतखोरी का पर्दाफाश
गोंदिया। कारोबार करने के लिए नगर परिषद की ओर से 93 से अधिक केटेगरी से जुड़े छोटे -बड़े कारोबारियों को लाइसेंस जारी किए जाते हैं तथा इसके लिए सरकार द्वारा फीस भी निर्धारित की हुई है।
लाइसेंस को इस बात का प्रमाण माना जाता है कि लाइसेंस धारक पूरी तरह से पात्र है लेकिन आपको यह पता चले कि मौजूदा वक्त में गोंदिया नगर परिषद का लाइसेंस बनाने में 8 से 10 हजार रुपए का चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है तो आपको आश्चर्य होगा ।
नियमानुसार लाइसेंस बनवाने में मामूली खर्च आता है लेकिन इस दफ्तर के बाबू और अधिकारी निर्धारित दस्तावेज देने के बाद भी आवेदक से मोटी फीस घूस के तौर पर वसूलते हैं इस बात का खुलासा एसीबी टीम द्वारा मंगलवार 8 सितंबर को की गई कार्रवाई में सामने आया है।
वाकया कुछ यूं है कि…. शिकायतकर्ता यह एक सिविल इंजिनियर है और उसने कारोबार हेतु सिविल इंजिनियर का पंजीकरण करके लायसंस प्राप्त करने के लिए गत माह (अगस्त 2020) में नगर पंचायत कार्यालय गोरेगांव यहां आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन प्रस्तुत किया था।
उक्त आवेदन के संदर्भ में कार्रवाई कहां तक हुई है, यह जानने के लिए शिकायतकर्ता ने कुछ दिन पूर्व गोरेगांव नगर पंचायत कार्यालय जाकर पूछताछ की जिसपर (आरेखक ) तांत्रिक अधिकारी तथा प्रभारी विधि पर्यवेक्षक (नगर पंचायत गोंदिया) संतोष ठवरे ने शिकायतकर्ता को आवेदन पत्र साथ लेकर गोंदिया नगर परिषद आने को कहा जिसपर शिकायतकर्ता ने गोंदिया नगर परिषद जाकर ठवरे से भेंट की , उस वक्त ठवरे ने आवेदन की जांच की और गोरेगांव नगर पंचायत क्षेत्र में सिविल इंजिनियर के लायसंस की सिफारिश करने के लिए शिकायतकर्ता से 10 हजार रूपये रिश्वत की डिमांड कर दी।
शिकायतकर्ता यह रिश्वत की रकम देने के खिलाफ था लिहाजा उसने 4 सितंबर को गोंदिया एंटी करप्शन ब्यूरो दफ्तर पहुंच शिकायत दर्ज करा दी।
मामले की जांच पड़ताल पश्चात आज 8 सितबंर को एसीबी विभाग अधिकारियों ने जाल बिछाया और नगर परिषद गोंदिया कार्यालय में सफल कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
अपने लोकसेवक पद का दुरूपयोग करते हुए सिविल इंजिनियर के लायसंस के लिए सिफारिश करने हेतु शिकायतकर्ता से मोलभाव पश्चात 8 हजार रूपये में सौदा तय होने पर रिश्वत की रकम स्वीकार करते तकनीकी अधिकारी संतोष ठावरे इसे पंच गवाहों के समक्ष रंगेहाथों धरदबोच लिया गया।
अब रिश्वतखोर संतोष ठवरे के खिलाफ गोंदिया शहर थाने में धारा 7 भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून 1988 (सुधारित अधिनियम 2018) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
उक्त कार्रवाई पुलिस अधीक्षक रश्मि नांदेडकर, अप्पर पुलिस अधीक्षक राजेश दुद्दलवार (एसीबी नागपुर) के मार्गदर्शन में पुलिस उपअधीक्षक रमाकांत कोकाटे, सउपनि शिवशंकर तुंबडे, विजय खोब्रागड़े, पो.ह. प्रदीप तुलसकर, राजेश शेंद्रे, नापोसि रंजित बिसेन, दिगंबर जाधव, राजेंद्र बिसेन, मनापोसि गीता खोब्रागड़े, वंदना बिसेन, चालक देवानंद मारबते की ओर से की गई।
रवि आर्य