Published On : Sun, Jul 4th, 2021

गोंदिया: 7 साइकिलों ने आदिवासी छात्राओं के सपनों को पंख दे दिए

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बेटियों की पढ़ाई में लगन देख , पुलिस अधीक्षक में सोंपी साइकिलें

गोंदिया। महाराष्ट्र के अंतिम छोर पर बसे गोंदिया जिले के आदिवासी बहुल गांव के टेढ-मेढे रास्तों से होकर पैदल स्कूल जाने वाली आदिवासी बेटियां टीचर बनना चाहती है और ऐसे ही सपने सालेकसा थाना अंतर्गत आने वाले अतिदुर्गम मुकुटडोह गांव के दूसरी बेटियों के भी है।

लेकिन इन दूर-दराज के गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।

हाईस्कूल में पढ़ने वाली इन बेटियों की पढ़ाई में लगन इतनी अच्छी है कि कई वर्षों से रोजाना घर से 8 से 10 किलोमीटर दूर पैदल चलकर ही स्कूल जाती थी , जबकि कई विद्यार्थी इसी दूरी के कारण स्कूल छोड़ने पर मजबूर हो गए थे।

लेकिन अब इन 7 गरीब आदिवासी बेटियों के पास साइकिल है जिसने इन बच्चियों के सपनों को पंख दे दिए हैं
अब इन टेढ़े मेढ़े रास्तों पर भी इन बेटियों को अपनी मंजिल साफ नजर आ रही है और इसे संभव बनाया है गोंदिया जिला पुलिस प्रशासन की पहल ने…

गौरतलब है कि जिले के नक्सलग्रस्त अतिदुर्गम इलाकों में नक्सल आंदोलन पर अंकुश लगाने और आदिवासियों में शासन व पुलिस के प्रति विश्‍वास तथा स्नेह की भावना निर्माण करने के उद्देश्य से जिला पुलिस अधीक्षक विश्‍व पानसरे तथा अपर पुलिस अधीक्षक अशोक बनकर की संकल्पना से इन इलाकों में विभिन्न कार्यक्रम लिए जा रहे है।

इसी क्रम में 2 जुलाई को सालेकसा पुलिस स्टेशन अंतर्गत आने वाले नक्सल ग्रस्त अतिदुर्गम बेस कैम्प मुरकुटडोह में जरूरतमंद गरीब छात्राओं को साइकिल का वितरण किया गया।

गौरतलब है कि, क्षेत्र की आदिवासी गरीब छात्राओं को घर से स्कूल जाने के लिए काफी लंबा पैदल सफर तय करना पड़ता है, यह बात संज्ञान में आते ही उन्हें भविष्य में शिक्षा के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी न हो और वे आसानी से अपनी शिक्षा पूर्ण कर सके तद्हेतु मुरकुटडोह की 7 छात्राओं को जिला पुलिस अधीक्षक के हस्ते साइकिलें प्रदान की गई।