Published On : Thu, Apr 22nd, 2021

गोंदिया: 30 हजार में 2 रेमडेसिवीर इंजेक्शन बेचते एक कर्मचारी , 2 दलाल धरे गए

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जिला केटीएस अस्पताल से चोरी हुए रेमडेसिवीर इंजेक्शन की जांच शुरू


गोंदिया रेमडेसिवीर इंजेक्शन चोरी का मामला उस वक्त आया है जब कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इस इंजेक्शन की भारी कमी है।
जिले में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच महामारी से लड़ने के लिए कारगर माने जा रहे रेमडेसिवीर इंजेक्शन की मांग बेहद बढ़ गई है ऐसे में शासकीय अस्पताल सहित कई जगहों से अब इसके चोरी होने की खबरें सामने आ रही है।

वाक्या गोंदिया के जिला केटीएस अस्पताल का जहां जरूरतमंदों के लिए भेजे गए रेमडेसिवीर इंजेक्शन के स्टाक में से कुछ चोरी हो गए हैं ।
फिलहाल पुलिस ने इस प्रकरण में 20 अप्रैल को धरपकड़ कार्रवाई करते हुए एक अस्पताल के कर्मचारी और 2 दलालों को गिरफ्तार कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।

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इंजेक्शन चोरी का मामला बेहद गंभीर है इसकी पुनरावृत्ति ना हो इसलिए जिला प्रशासन के निर्देश पर अब केटीएस अस्पताल के महत्वपूर्ण ठिकानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम बुधवार 21 अप्रैल से शुरू किया गया है।

कुछ इस तरह हुआ पर्दाफाश..
कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिवीर इंजेक्शन की तस्करी और कालाबाजारी होने की सूचना देते मुखबिर ने पुलिस को बताया- शहर के गांधी वार्ड इलाके के निवासी संजू कुमार बागड़े नामक व्यक्ति के पास दो रेमदेसीविर इंजेक्शन है जिसके लिए वह एक इंजेक्शन के 15000 के हिसाब से 30,000 रुपए मांग रहा है।

उच्च दर पर बिना लाइसेंस रेमडेसिवीर इंजेक्शन बेचने की सूचना मुखबिर से मिलने के बाद जिला पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे एक्शन में आ गए तथा उन्होंने उपविभागीय पोलीस अधिकारी जगदीश पांडे तथा लोकल क्राइम ब्रांच के प्रभारी तथा शहर थाना पुलिस निरीक्षक महेश बनसोडे इन्हें मामले की तह तक पहुंचने और जांच शुरू करने के निर्देश दिए।

जिसके बाद पुलिस ने एक फर्जी ग्राहक संजू कुमार बागड़े के यहां भेजा 30 हजार में 2 रेमडेसिवीर इंजेक्शन का सौदा तय होने के बाद, निश्चित स्थान पर जैसे ही संजू इंजेक्शन लेकर पहुंचा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

मामले की परतें खुलती चली गई..
स्थानिक अपराध शाखा दल ने जब अपनी ही स्टाइल में संजू बागड़े से कड़ी पूछताछ शुरू की तो उसने बताया यह इंजेक्शन दर्पण नागेश वानखेड़े ( निवासी- गांधी वार्ड ) के पास से उसने लाए हैं।

दर्पण को हिरासत में लेकर जब उससे इस बात की पूछताछ की गई कि उसे यह इंजेक्शन कहां से मिला ? तो उसने नितेश उर्फ करण भीमराव चिखलोंडे ( निवासी- गांधी वार्ड गोंदिया ) के पास से लाने की बात कबूलते पुलिस को बताया- नितेश ने उसे 2 इंजेक्शन के 20 हजार रुपए लाकर देने को कहा है ?

जिसके बाद पुलिस टीम ने नितेश उर्फ करण की गिरफ्तारी की तो पूछताछ में उसने बताया- जिला केटीएस अस्पताल में कोविड वार्ड की स्थापना की गई है यहां भर्ती जरूरतमंद मरीजों के लिए औषध भंडार ( मेडिसिन स्टोर रूम ) में आए स्टॉक में से कुछ इंजेक्शन बचाकर अपने स्वयं के वित्तीय लाभ के लिए उसने बेचे हैं।

बहरहालल पुलिस ने एक कर्मचारी और 2 दलालों की गिरफ्तारी करते हुए उनके विरुद्ध शहर थाने में अपराध क्रमांक 241 /2021 के धारा 420 , 188, 34 सह कलम 26 औषधि नियंत्रण कीमत आदेश 2013 ,सह कलम 3 (क) 7 जीवन आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसी एक्ट) सह कलम 18 (क) 27 ( ख ) (2) औषधि व सौंदर्य प्रसाधन कायदा के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है ।

उक्त धरपकड़ कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे के मार्गदर्शन में उपविभागीय पुलिस अधिकारी जगदीश पांडे तथा पुलिस निरीक्षक महेश बनसोडे के नेतृत्व में पुलिस उप निरीक्षक अभय सिंह शिंदे , सहा. फौ. लिलेंद्रसिंह बैस , पो.हवा राजू मिश्रा , पुलिस नायक रेखलाल गौतम , तुलसीदास लुटे , अरविंद चौधरी , महेश मेहर , इंद्रजीत बिसेन , भेलावे , पुलिस सिपाही विजय मानकर द्वारा की गई।

रवि आर्य

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