बिच्छुटेकड़ी की घटना
अमरावती। प्रेम जाल में फासकर विवाह से इंकारकर प्रेमिका को आत्महत्या के लिए प्रवृत्ति करने के आरोप में प्रफुल नरेद्र डोंगरे (24, बिच्छुटेकड़ी) को जिला व सत्र न्यायाधीश एस.एस.भिष्म की अदालत ने 5 वर्ष कैद की सजा सुनाई. बिच्छुटेकड़ी निवासी 20 वर्षीय युवती के साथ 4 वर्षो से प्रफुल के प्रेम संबंध थे. उसने विवाह का लालच देकर उससे शारीरिक संबंध भी बनाये. जिससे वह गर्भवती हुई, लेकिन उसके विवाह से इंकार कर दिए जाने से युवती ने गर्भपात भी कराया. 20 फरवरी 2011 को युवती के माता-पिता ने किसी दूसरे युवक से सामुहिक विवाह समारोह में विवाह करवाना चाहा, लेकिन प्रफुल के कहने पर एक बार फिर विवाह टुट गया.
जान देने को कहा
16 मार्च 2011 युवती ने दूबारा प्रफुल के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा, लेकिन उसने दूबारा उसे ठूकरा दिया. 17 मार्च 2011 को प्रफुल उसके बडे पिता सुरेद्र उत्तम डोंगरे व मां पद्मावती सुरेद्र डोंगरे के साथ युवती के घर पहुंचा, जिन्होंने उसे कहा कि तुम प्रफुल का पीछा छोड़ दो, इस पर युवती ने जान देने की धमकी दी, तो उसे जाकर मर ऐसा कहकर चले गये. कुछ देर बाद ही युवती ने कुए में छलांग लगाकर जान दे दी. फ्रेजरपुरा पुलिस ने युवती की मां की रिपोर्ट पर प्रफुल व उसके बडे पिता व मां के खिलाफ मामला दर्ज किया.
इसी मामले में कोर्ट में 7 गवाह व सहायक सरकारी वकील प्रकाश शेलके की दलीलों पर प्रफुल के खिलाफ आरोप सिध्द हुआ, लेकिन सबूत के अभाव में उसकी बडे पिता व मां को बाइज्जत बरी किया. कोर्ट ने प्रफुल को 5 वर्षकैद व 3 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई. जुर्माना ना भरने पर 3 माह अतिरिक्त कैद की सजा सुनाई.