नागपुर: मनपा चुनाव के ठीक बाद अचानक कांग्रेसी नगरसेविका का इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस सह राजनीतिक हलके में सर्वत्र अजीब सी हलचल मच गई थी। लेकिन आज शाम 4 बजे प्रभाग 10 की नगरसेविका डॉक्टर गार्गी चोपड़ा ने मनपायुक्त श्रावण हार्डिकर के समक्ष सुनवाई के दौरान अपना इस्तीफा वापिस ले लिया। इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस खेमे में मची उथल-पुथल को पूर्ण विराम लग गया।
मनपायुक्त कार्यालय के बाहर पत्रकारों से चर्चा करते हुए नगरसेविका के पति डॉक्टर प्रशांत चोपड़ा, जो कि पिछले 2 कार्यकाल से कांग्रेस के नगरसेवक थे, उन्होंने कहा कि मीडिया में प्रकाशित हुई खबर सही नहीं थी। इसी प्रभाग से कांग्रेस उम्मीदवार नितीश ग्वालवंशी परिवार से हुई खटपट से क्षुब्ध होकर इस्तीफा देने की बात कही जा रही थी, जिसे डॉक्टर चोपड़ा ने सिरे से नाकार दिया और कहा कि नीतीश मेरा छोटा भाई है। प्रभाग के सभी नगरसेवक एकजुट है, सभी मिलकर प्रभाग 10 और पक्ष द्वारा दी गई जिम्मेदारी को जनहित में पूरी करेंगे।
इस दौरान गार्गी चोपड़ा, नितीश ग्वालवंशी सह अन्य 2 नगरसेविकाएं भी साथ थी। साथ ही नवनिर्वाचित विपक्ष नेता संजय महाकालकर भी पूर्ण समय साथ दिखे। इनके समर्थकों के अनुसार डॉक्टर गार्गी चोपड़ा ने इस्तीफा वापस लेकर नवनियुक्त विपक्ष नेता महाकालकर को तोहफा दिया।
उल्लेखनीय यह है कि अगर गार्गी चोपड़ा ने अपना दिया हुआ इस्तीफा वापस नहीं लिया होता तो कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ होता, कांग्रेस के कोटे से मनोनीत नगरसेवक नहीं बन पाता। साथ ही इस्तीफे के बाद इस सीट के लिए उपचुनाव होता तो प्रशासकीय खर्च जो की जनता का पैसा का नुकसान अलग होता।
समझा जा रहा है कि अब कांग्रेस कोटे से स्थाई समिति के 3 सदस्य की नियुक्ति के वक़्त प्रभाग 10 के नगरसेवकों में से एक सदस्य का चयन करते सह अन्य मामलों में डॉक्टर चोपड़ा का नियमित मार्गदर्शन लिया जायेगा।