नागपुर: रेलवे सुरक्षा बल की स्पेशल क्राइम डिटेक्शन और सीआईबी टीम ने शनिवार को ट्रेन 12721 विशाखापट्टनम-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस में एक महिला और एक पुरुष यात्री को 17.300 किग्रा गांजे के साथ गिरफ्तार किया. आरोपियों के नाम धौलपुर, राजस्थान निवासी संतोष होतमसिंह परमार (22) और आगरा, यूपी निवासी रोशनी प्रदीपकुमार (30) बताए गए. जब्त माल की कुल कीमत 1,70,000 रुपये आंकी गई है.
जानकारी के अनुसार, संतोष और रोशनी, दोनों ट्रेन की पिछली जनरल बोगी में विशाखापट्टनम से आगरा का सफर कर रहे थे. ट्रेन 9.20 बजे नागपुर के प्लेटफार्म 1 पर पहुंची. नियमित जांच के दौरान आरपीएफ की संयुक्त टीम को दोनों पर शक हुआ. दोनों के पास 2-2 बैग दिखाई दिए.
सहयात्रियों ने खोली पोल
जनरल कोच में जांच के दौरान संतोष और रोशनी के पास 4 बैग मिले, लेकिन वह केवल 2 बैग को ही अपना बता रहे थे, जबकि जिन 2 बैग में गांजा था, उनके बारे में अनभिज्ञता जताई. ऐसे में उसी कोच में सफर रहे सेना के कुछ जवानों ने बताया कि दोनों कोच में 4 बैग लेकर चढ़े थे. यहीं से उनकी की पोल खुल गई. तलाशी लेने पर इन 2 बैग में 4 पैकेट मिले. दोनों को ट्रेन से उतार लिया. श्वान पथक की मदद से गांजे की पुष्टि की गई. तुरंत ही दोनों को गिरफ्तार कर लोहमार्ग पुलिस, नारकोटिक्स विभाग और तहसील आफिस को सूचित किया गया.
पति पहले से जेल में
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रोशनी का पति और संतोष का भाई पहले ही गांजा तस्करी के आरोप में विशाखापट्टनम की जेल में बंद है. ऐसे में रोशनी और संतोष हर तारीख पर उससे मिलने विशाखापट्टनम जाते थे और वापसी में गांजे की खेप अपने साथ रख लेते थे. इस बार भी दोनों ने आगरा के लिए यह खेप अपने पास रखी थी.
इससे एक बात सामने आती है कि यदि नागपुर स्टेशन से वर्धा और चंद्रपुर के लिए शराब तस्करी की जा रही है तो विशाखापट्टनम और दक्षिण भारत से आने वाली ट्रेनों में धड़ल्ले से गांजे की तस्करी हो रही है. लेकिन आरपीएफ की नजर से ओझल है. उक्त कार्रवाई सीनियर डीएससी ज्योतिकुमार सतीजा के मार्गदर्शन में सीआईबी के उपनिरीक्षक शिवराम सिंह, दीपक वानखेड़े, विजय पाटिल, किशोर चौधरी, नीलकंठ गोरे आदि ने की.