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नागपुर/चंद्रपुर: वेकोलि में कोयला उत्पादन और उत्पादित कोयला परिवहन कर रेलवे के साइडिंग तक पहुंचाने का जिम्मा वेकोलि प्रबंधन का है. इस परिवहन व्यवस्था को वेकोलि खुद करने के बजाय निजी हाथों के मार्फ़त वर्षों से करा रही है. व्यवस्था सँभालने वाले ऑपरेटर ज्यादा से ज्यादा आय अर्जित करने के लिए अपने परिवहन करने वाले वाहनों की क्षमता का फर्जी दस्तावेज आरटीओ से प्राप्त कर वेकोलि और आरटीओ को चुना लगाए जाने का मामला प्रकाश में आया. मामले को सार्वजानिक करने वाले इंटक नेता आबिद हुसैन जाहिद हुसैन वेकोलि पर आरोप लगाया कि आरोप सिद्ध होने के बावजूद वेकोलि ट्रांसपोर्टर को काली सूची में डालने के बजाय संरक्षण प्रदान किया जा रहा है. शीघ्र ही मामले पर वेकोलि ने गंभीरता नहीं दिखाई तो वे पहले सीबीआई फिर न्यायालय की शरण में जाकर ऑपरेटर, वेकोलि और आरटीओ पर सरकारी राजस्व को चुना लगाने के जुर्म में कानूनन कार्रवाई हेतु गुहार लगाएंगे.
इंटक नेता आबिद हुसैन जाहिद हुसैन के अनुसार वणी स्थित वेकोलि की कोलापिंपरी और पिंपलगाव खदान से महाजेनको को बिजली उत्पादन के लिए कोयला आपूर्ति की जाती है. इन दोनों खदानों से कोयले का परिवहन गंगा ट्रांसपोर्टर (वणी नगराध्यक्ष के भाई की कंपनी ) करती है. इस ट्रांसपोर्टर की खुद की ६ और संलग्न १४-१५ ट्रक कोयले का परिवहन २४ घंटे करती है. प्रत्येक ट्रक को २४ घंटे में उक्त खदानों से १५ किलोमीटर दूर रेलवे साइडिंग तक कोयला परिवहन करना अनिवार्य है. रोज १५ से २० ट्रिप प्रत्येक ट्रक लगा रही है.
जब इस मामले के तह में गए तो पता चला कि उक्त ट्रांसपोर्टर अपने ६ ट्रकों को आरटीओ से ३७ टन की क्षमता को ४० टन का दर्शानेवाला कागजात पेश कर लगातार २ माह तक परिवहन करता रहा. इन ट्रको ने रोजाना १२० ट्रिप (४० टन प्रति ट्रिप) के हिसाब से कोयले का परिवहन किया. २ माह में २२५ से २५० ट्रिप कोयले का परिवहन किया. अर्थात उक्त ट्रांसपोर्टर ने खुद के ६ ट्रकोें से २ माह में ढाई हज़ार टन कोयले का अवैध परिवहन किया. आरटीओ नियमानुसार ओवरलोड पर प्रति टन ७००० रूपए जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है.
इंटक नेता आबिद हुसैन जाहिद हुसैन ने उक्त मामले की शिकायत वेकोलि और मुख्य सतर्कता अधिकारी से की. वेकोलि ने मामले की गंभीरता पर जांच भी की, लेकिन जांच रिपोर्ट सार्वजानिक नहीं की. जब उक्त शिकायतकर्ता ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो वेकोलि की वणी नार्थ क्षेत्रीय कार्यालय अमला अधिकारी (खनन ) ने लिखित जानकारी दी कि उक्त जांच में गंगा ट्रांसपोर्टर को दोषी पाया गया है. इसकी भनक लगते ही गंगा ट्रांसपोर्ट ने मामले को रफा-दफा करने के उद्देश्य से पुनः आरटीओ से समझौता कर ४० टन की भार क्षमता कम कर ३७ टन भार क्षमता का कागजात तैयार कर वेकोलि के सम्बंधित विभाग के सुपुर्द किया.
इंटक नेता आबिद हुसैन जाहिद हुसैन ने वेकोलि प्रबंधन पर मामले को शांत करने का आरोप लगाया. जबकि आरोप सिद्ध होने पर वेकोलि ने गंगा ट्रांसपोर्टर पर एफआईआर दर्ज करने के साथ ही साथ उसे काली सूची में डालने की बात कही. साथ ही आरटीओ को सूचित कर उक्त ट्रांसपोर्टर को ओवरलोड परिवहन करने पर कार्रवाई की सिफारिश की वकालत की.
वेकोलि की लापरवाही पर इंटक नेता आबिद हुसैन जाहिद हुसैन जल्द ही इसकी शिकायत सीबीआई के सुपुर्द करेंगे और वहां भी न्याय नहीं मिलने पर न्यायालय की शरण में जाकर ऑपरेटर, वेकोलि और आरटीओ पर सरकारी राजस्व को चुना लगाने की शिकायत को लेकर कार्रवाई हेतु गुहार लगाएंगे. आबिद हुसैन ने यह भी साफ़ किया है कि इससे होने वाले नुकसान की जिम्मेदार वेकोलि प्रबंधन पर होगी.