गोंदिया: गणेश भक्तों ने नम आंखों से दी बप्पा को विदाई
गोंदिया: 10 दिनों तक भगवान गणेश के मुर्ति पूजन पश्चात दुखहर्ता, विघ्नहर्ता गणराज को नम आंखों से विदाई देते गणेशभक्तों ने गणपति बाप्पा से यहीं याचना की, कि अगले बरस तू जल्दी आ..
12 सित. गुरूवार को अनंत चतुर्थी के दिन जिले के विभिन्न सार्वजनिक मंडलों, निजी, घरगुती मुर्तियों की विदाई शुरू हुई। डी.जे. के कर्कश आवाज के बीच गुलाल उड़ाते नवयुवकों की टोली तालाब, नदी हेतू निकल पड़ी। डोल-ताशे, नगाड़ों के साथ नाचते-गाते हुए बाप्पा को गर्मजोशी के साथ विदाई का सिलसिला देर रात कर जारी रहा।
गणेश विसर्जन के दौरान शहर के कई मार्गों को वन-वे ट्रॉफिक में तबदील करना पड़ा। गणेश पैंडालों का मजमा शहर के मुख्य मार्गो से नाचते गाते हुए रजेगांव के कोरनीघाट स्थित बाघनदी तथा आमगांव रोड पर स्थित पांगोली नदी, मुर्री रोड के पिंडकेपार स्थित तीर्थक्षेत्र नाले पर तथा रेल्वे सरकारी तालाब व गौरीनगर नाला, फुलचुरटोला तालाब, सांईनगर तालाब, लाल पहाड़ी तालाब पर, इंदिरा नगर तालाब पर मुर्ति का नियोजनबद्ध तरीके से पूजा-आरती अर्चना पश्चात विसर्जन किया गया।
बाघ नदी पर क्रेन व जल रक्षक की व्यवस्था की गई
गत 15 दिनों से जिले में जारी घनघोर वर्षा के वजह से नदी नाले उफान पर बह रहे हैं, ओवर फ्लो हो चुके जलाशयों से पानी निकासी के चलते वैनगंगा व बाघ नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है एैसे में गणेश विसर्जन को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा नदी, तालाबों पर जल रक्षक (सुरक्षा पुलिस गार्ड) का तगड़ा बंदोबस्त किया गया तथा किसी अप्रिय घटना को रोकने हेतू महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश सीमा पर स्थित रजेगांव के नदी घाट पर बड़ी गणेश मुर्तियों के विसर्जन हेतू क्रेन की व्यवस्था भी जिला प्रशासन द्वारा की गई।
उल्लेखनीय है कि, पितृमाक्ष आरंभ होने से पहले ही इक्का-दुक्का मुर्तियों को छोड़कर शहर के लगभग सभी गणेश मंडल मुर्ति विसर्जन की प्रक्रिया पुरी कर लेते है।
गणराज तो चले गये लेकिन अपने भक्तों के हृदय में प्यार, उमंग और अबीर का गुलाल छोड़ गये है इसी वादे के साथ कि वे अगले बरस जल्द लौटेंगे।
रवि आर्य

