Published On : Sat, Oct 27th, 2018

गडकरी का सुझाव महापौरों के लिए था या प्रधानमंत्री हेतु,हैं समझ से परे

राज्य महापौर परिषद् के अध्यक्ष व बीएमसी के महापौर प्राध्यापक विश्वनाथ महाडेश्वर की शंका

नागपुर : नागपुर में आयोजित राज्य महापौर परिषद् की बैठक के उद्घाटन समारोह में अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने संबोधन के दौरान परिषद् के अध्यक्ष के मांग पर अपना मत व्यक्त करते हुए कह गए कि महापौर के अधिकार की मांग करते हो,अत्याधिक अधिकार के चक्कर में दक्षिण कोरिया के ३ प्रधानमंत्री जेल में हैं और वर्तमान प्रधानमंत्री भी कार्यकाल ख़त्म होने के बाद जेल में जायेंगे। गडकरी के मत संबंधी किये गए सवाल पर राज्य महापौर परिषद् के अध्यक्ष व बीएमसी के महापौर प्राध्यापक विश्वनाथ महाडेश्वर ने कहा कि वे उपस्थित महापौर या फिर देश के प्रधानमंत्री में से किसे सुझाव दे रहे थे,यह समझ से परे हैं.

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आज शनिवार को नागपुर के वीआईपी मार्ग पर स्थित वनामती परिसर में एक दिवसीय राज्य महापौर परिषद् का आयोजन किया गया.जिसमें डेढ़ दर्जन से कम महापौर ने हाजरी लगाई,अनुपस्थित रहने वालों में शिवसेना के ४ महापौरों का समावेश था.

महाडेश्वर राज्य के महापौरों को प्रशासकीय व वित्तीय अधिकार बढ़ाने हेतु राज्य सरकार ने ठोस उपाययोजना करना चाहिए। मुंबई जैसे महानगरपालिका १८८८ के ब्रिटिशकालीन कानून के तहत आज भी संचलन हो रहा हैं,तब उनका मकसद दमनकारी था और आज लोक कल्याणकारी सत्ता हैं.

किसी भी मनपा की आमसभा में मंजूर प्रस्ताव को या तो आयुक्त या फिर राज्य सरकार की शहरी विकास मंत्रालय में सैकड़ों प्रस्तावों को धूल खाते देखा गया हैं.समय पर सरकार,शहरी विकास मंत्रालय का अभिप्राय या मंजूरी न मिलने से प्रस्ताव पर की गई मेहनत पर पानी फिर जाता हैं.जनता का सीधा सम्बन्ध नगरसेवक,महापौर से होता हैं न कि अधिकारी वर्ग से.इसलिए उक्त समस्या से निजात पाने के लिए सरकार ने महापौर का अधिकार में बढ़ोत्तरी करनी चाहिए।

फ़िलहाल आयुक्त का अधिकार इतना ज्यादा हैं कि महापौर और आमसभा के मंजूरी बाद आयुक्त अटका देते हैं.यह महापौर और आमसभा के अधिकार का हनन हैं.
गडकरी का तर्क यह था कि महापौर का अधिकार बढ़ाने से काम नहीं चलेंगा,महापौरों को नगरसेवकों के दबाव में आकर काम करने पड़ते या निर्णय लेने पड़ते हैं,ऐसे में जज्बाती होकर लिए गए निर्णय के कारण महापौरों को संभावित आफतों का भी ध्यान रखना होंगा।

और अंत में महापौरों की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि महापौरों ने नियमित आय के अलावा अन्य श्रोतों से आय बढ़ाने में मनपा की मदद की तो बढ़ी आय का १०% महापौर निधि में बढ़ोतरी की जाएंगी।अधिकांश जनप्रतिनिधि अपने अधिकारों का उपयोग नहीं करते हैं फिर परिषद् के माध्यम से मांग करते हैं.

परिषद् के माध्यम से परिषद् के प्रमुख महाडेश्वर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को २० मांगों की फेरहिस्त सौंपी,जिस पर गंभीरता से विचार कर शहरी विकास मंत्रालय और परिषद् के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक लेने का आश्वासन दिया।

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