Published On : Sat, Mar 3rd, 2018

छोटे शहरों को मेट्रो की तर्ज पर जोड़ने के प्रस्ताव के लिए मंत्री का आभार

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नागपुर: नागपुर शहर में मेट्रो ट्रेन चलाने के साथ ही अब नागपुर से बूटीबोरी, रामटेक, वर्धा, कामठी, कन्हान, कलमेश्‍वर, काटोल व भंडारा शहर तक ‘लोकल मेट्रो रेल’ सेवा शुरू करने का प्रस्ताव केंद्रीय भूतल परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गड़करी ने दिया। जिसका पूर्व जेडआरयूसीसी सदस्य डॉ। प्रवीण डबली ने स्वागत किया है। देर से ही सही इन यात्री गाड़ियों के लिए काम तो शुरू हुआ। यह प्रस्ताव मंजूरी होने पर उपरोक्त मार्ग पर यात्री ट्रेने नहीं चलेंगी और रेलवे की पटरी का उपयोग कर महामेट्रो उन पर लोकल मेट्रो ट्रेन चलाकर यात्रियों के समय की बचत व बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध होगी। भले ही मेट्रों की तर्ज पर किराया लिया जाए। महामेट्रो के प्रबंध संचालक बृजेश दीक्षित भी इससे पहले मध्य रेलवे नागपुर मंडल में मंडल रेल प्रबंधक रह चुके हैं। जिससे उन्हें भी पता है कि वर्तमान उपलब्ध रेलवे ट्रैक पर मेट्रो लोकल चलाई जा सकती है। ऐसे में मध्य रेलवे के अधिकारियों ने इसे मंजूरी देकर विदर्भ की जनता को बेहतर यात्री सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।

ज्ञात हो कि यही प्रस्ताव जेडआरयूसीसी सदस्य ने मंडल व जोन स्तर पर २०१२ में दिया था और तब से अब तक वे इस प्रस्ताव को हर मंच पर उठाते रहे हैं। यही प्रस्ताव २०१४ को जब भाजपा की सरकार बनी तो डा प्रवीण डबली ने इस प्रस्ताव सहित अनेक मांगों का ज्ञापन केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी को सौंपा था और उन्हें शहर की जरूरत व रेलवे से आम आदमी की अपेक्षाओं को विस्तार से समझाया था। उस प्रस्ताव में एक प्रस्ताव यह भी था कि मेट्रो की तर्ज पर कन्हान से बुटीबोरी व रामटेक को जोड़ा जाए। इसके लिए ५ डिब्बों की एक स्पेशल सुपर फॉस्ट पैेसेजर ट्रेन चलाई जाए साथ ही ट्रेन नं। ३२८ के रैक का उपयोग कर चंद्रपुर व कटंगी के बीच भी मेट्रो की तर्ज पर फॉस्ट पैसंजर चलाई जाए ताकि रामटेक, कन्हान, कामठी कलमेश्‍वर, काटोल व भंडारा-गोंदिया से नौकरी के लिए नागपुर अप-डाऊन करने वाले यात्रियों को सुविधा हो सके। इससे पहले यह प्रस्ताव नागपुर में २३ सितंबर २०१३ को नागपुर आए तत्कालिन रेल राज्यमंत्री अधीर रंजन चौधरी को भी दिया था। २०१२ से द।पू।म।रेलवे में जितने महाप्रबंधक हुए उन्हें भी यह प्रस्ताव दिया गया था। रेलवे बोर्ड पर अध्यक्ष रहे अरुणेंद्रकुमार ने इस प्रस्ताव को तत्वतः मंजूरी भी दी थी।

इस कार्य में महामेट्रो के सहभाग से अब रेलवे को यह प्रस्ताव दिया जाएगा व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के प्रयासों से इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद भी लग रही है। मेट्रो की तर्ज पर ट्रेने चलाने के बाद पैसेंजर व मेमू ट्रेनों को बंद कर दिया जाएगा। इन्ही ट्रेनों के समय पर भी उपलब्ध ट्रैक पर मेट्रों ट्रेने चलाई जा सकती है। वर्तमान में भी इस सुविधा को चलाने के लिए ट्रैक उपलब्ध है। सिर्फ जरूरत है तो अधिकारियों के सकारात्मक मानसिकता की।

ज्ञात हो कि रामटेक -कन्हान-बूटीबोरी के बीच फॉस्ट पैेंसेजर चलाने के प्रस्ताव को तत्कालीन मंडल रेल प्रबंधक वर्मा ने इस प्रस्ताव की गंभीरता को समझते हुए अपने द।पू।म।रेलवे के भाग में इसे चलाने के लिए तत्वत मंजूरी दी व नागपुर से बुटीबोरी के बीच का भाग मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसके लिए उन्हें २८ फरवरी २०१४ को पत्र लिखकर मंजूरी के लिए प्रस्ताव दिया। लेकिन २ वर्ष बाद मध्य रेलवे ने ट्रैक पर जगह उपलब्ध नहीं होने का कारण देकर इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान नहीं की गई। यदि अधिकारियों ने उस समय क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखते हुए अपनी मानसिकता बदली होती तो आज मेट्रों की तर्ज पर ट्रेने चल चुकी होती। अब देखना है कि केंद्रीय मंत्री नितीन गड़करी की मध्यस्तथा के बाद नागपुर के आसपास के छोटे शहरों को जोड़ने हेतु वर्तमान ट्रैक पर मेट्रों को तर्ज पर लोकल मेट्रो चलाने के प्रस्ताव को मजूरी मिलती है या नहीं।

नागपुर शहर महाराष्ट्र की उपराजधानी है। नागपुर शहर का तेजी से विकास हो रहा है। उसका दायरा भी २५ कि.मी. तक बढ़ा दिया गया है। मिहान, कार्गो हब, कलमना में अनाज मंडी व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों का विकास हो रहा है। ऐसे में रेलवे की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। शहर के विकास में अपनी भूमिका निभाते हुए रेलवे ने रामटेक-कन्हान-कामठी-कलमना-इतवा री-नागपुर-अजनी-खापरी- मिहान -बुटीबोरी के बीच ‘ट्रेन बस’ या ‘मेमू’ या फास्ट पैसेंजर चलानी चाहिए। जिससे कन्हान व बुटीबोरी के बीच आनेजाने वाले यात्रियों को एक अच्छा साधन उपलब्ध हो सके। ताकि शहर का बढ़ता दायरा व कन्हान से नौकरी पेशा वर्ग हजारों की संख्या में कन्हान-कामठी-कलमना से खापरी बुटीबोरी के लिए जाता है। इस रेल फास्ट पैसेंजर को कन्हान-कामठी-कलमना-इतवारी-नागपु र-अजनी – खापरी – मिहान व बुटीबोरी मार्ग पर चलाई जाए। इसका लाभ यह भी होगा कि भविष्य में कलमना, इतवारी, अजनी में ट्रेनों को टर्मिनेट कर वहीं से गाड़ियों को चलाया जा सकेगा। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पहले शिवनाथ एक्सप्रेस इतवारी से चलायी जाती थी। लेकिन बाद में उसके नागपुर तक बढ़ा दिया गया। यदि रामटेक-कन्हान व बुटीबोरी के बीच ‘ट्रेन बस’ या ‘मेमू’ जैसी ५ डिब्बों की गाड़ी को चलाया जाता तो शिवनाथ को नागपुर में लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। लोग ट्रेन बस से गाड़ी छूटने वाले स्टेशन तक आसानी से पहुंच सकते थे। भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इस तरह की ‘ट्रेन ’ चलाने हेतु रेलवे ने प्रयास करना चाहिए। इन स्टेशनों के बीच हजारों यात्री रोजाना अलग-अलग वाहनों से तकलीफों का सामना करते हुए अपनी यात्रा करते है। भले ही इस ट्रेन बस का किराया आप मेट्रों की तर्ज पर लें। ताकि यह भविष्य में निरंतर चलती रहे। इस संबंध में गत कई वर्षों से डा। प्रवीण डबली डीआरयूसीसी व जेडआरयूसीसी फोरम पर मांग उठाई गई है।

उसी तरह इतवारी में ३२८ पैसेंजर ट्रेन के रैक का उपयोग कर इतवारी-कटंगी तक फास्ट पैसेंजर चलाने का सुझाव दिया था। यह रैक इतवारी स्टेशन पर करीब १३ से १४ घंटे तक खड़ा रहता है। इस ट्रेन के चलने से मध्यप्रदेश के व्यापारी व ग्रामीण क्षेत्र उपराजधानी से सीधे जुड जाएगा साथ ही रायगढ़-गोंदिया जनशताब्दी को इतवारी तक बढ़ाना, गोंदिया-मुंबई विदर्भ एक्सप्रेस को तिरोड़ा में १ मिनट का स्टाप देने का सुझाव दिया। जिस पर महाप्रबंधक ने इतवारी-कंटगी फास्ट पैसेंजर के संदर्भ में गंभीरता से विचार कर इसे शीघ्र इतवारी-कटंगी के बीच चलाने का प्रयास किया जाएगा ऐसा आश्‍वसान दिया। रेलवे प्रशासन की ओर से हर वक्त रैक की समस्या के चलते ट्रेन चलाने से मना किया जाता था। लेकिन इस ट्रेन के लिए रैक मंडल के पास ही उपलब्ध है। रेलवे प्रशासन ने इतवारी से ३२८-३२७ टाटा पैंसेजर के रैक का उपयोग इसके लिए करना चाहिए। टाटा पैसेंजर इतवारी स्टेशन पर सुबह ७:३० बजे पहुंच जाती है और यह रैक करीब १४ घंटे इतवारी स्टेशन पर खड़ा होता है। यदि इसी रैक का उपयोग कर इतवारी-बालाघाट-कटंगी पैंसेजर इतवारी से सुबह ८:३० बजे चलाई जाए तो नियमित अप-डाऊन करने वाले नौकरी पेशा यात्रियों को सुविधा होगी। तथा दूसरी ट्रेनों पर पड़ने वाला इसका भार भी कम होगा। इस ट्रेन को बालाघाट से दोपहर ३:०० बजे छोड़ा जाए तो गोंदिया से वापसी वाले यात्रियों को भी सुविधाजनक होगा। इतवारी-कामठी-भंडारा-तुमसर-गोंदि या-बालाघाट-वारासिवनी-कटंगी मार्ग पर इसे चलाया जाएं या इस रैक का उपयोग इतवारी-चंद्रपुर फास्ट पैसेंजर के रूप में भी किया जा सकता है। आखिर बालाघाट कटगी के लिए नागपुर से सीधी ट्रेन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में कटंगी व बालाघाट जाने वाले यात्रियों को गोंदिया से ट्रेन बदलकर जाना पड़ता है। कई बार नागपुर से गोंदिया पहुंचने पर बालाघाट के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में यदि इतवारी से कटंगी के बीच एक फास्ट पैंसेजर चलाई जाए तो यात्रियों को सुविधा होगी।