Published On : Fri, Jun 26th, 2020

FRAUD : शिवसेना के शहरप्रमुख ने 30 लाख रुपए किए हजम, पीड़ित ने की ख़ुदकुशी की कोशिश

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पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से की शिकायत

नागपुर– शिवसेना पार्टी के शहरप्रमुख मंगेश कडव पर 25 लाख रुपए की रिश्वत लेने के खिलाफ उनके ही पार्टी के पूर्व सदस्य अशोक डापोड़कर ने आरोप लगाए है.जिसके बाद शिवसेना के वरिष्ठ नेताओ के साथ पत्र परिषद् कर कडव ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था. लेकिन अब मंगेश कडव पर छोटा ताजबाग, सुर्वे ले-आउट निवासी शहर के कांग्रेस पार्टी की पूर्व नगरसेविका निमिषा शिर्के ने आरोप लगाया है की कडव ने उनके पति देवानंद शिर्के से 30 लाख रुपए लिए, जिसके कारण उनके पति ने 2 दिन पहले आत्महत्या करने की कोशिश की थी. अभी इनके पति हॉस्पिटल में से घर पर आ चुके है. निमिषा शिर्के और उनके पति देवानंद शिर्के अपनी शिकायत लेकर क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी ( CRIME BRANCH – ADDITIONAL CP ) डॉ. नीलेश भरने से मिले और इस मामले में संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग की. इसके साथ ही सोमवार को पुलिस आयुक्त से भी मिलने की जानकारी पीड़ित की ओर से दी गई है.

पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार शिवसेना पार्टी के शहरप्रमुख मंगेश कडव से पीड़ित देवानंद शिर्के ने 2013 प्रॉपर्टी का एक करार किया था. जिसमें मानेवाड़ा रोड पर दूकान के 3 कमरे का सौदा था. इसकी कीमत 50 लाख रुपए थी. शिर्के ने मंगेश कडव को चेक और कॅश मिलाकर 30 लाख रुपए दिए थे. इसके कुछ महीनें बाद शिर्के ने उससे कहा की बचे हुए 20 लाख रूपए ले और उन्हें दुकानों की रेजिस्ट्री करके दे. लेकिन इसके लिए मंगेश शिर्के को टालमटोल करता रहा. इसके बाद मंगेश ने शिर्के को ओरिजिनल रेजिस्ट्री मांगी और कहा की लोन निकालकर आपके पैसे देता हूँ. इसके बाद शिर्के ने मंगेश को रेजिस्ट्री दे दी. मंगेश ने अपने पत्नी के नाम के चेक शिर्के को दिए .इसी प्रॉपर्टी पर मंगेश ने 50 लाख रुपए का लोन लिया और शिर्के को जो चेक मंगेश ने दिए थे वे बैंक में डालने पर बाउंस हो गए. इसके बाद जब शिर्के ने मंगेश के बारे में छानबीन की तो इन्हे पता चला की वह फ्रॉड किस्म का आदमी है. शिर्के ने सुसाइड लेटर में कहा है की मंगेश के नाम पर और 5 से 6 आपराधिक मामले है. इसके साथ ही कुख्यात क्रिमिनल संतोष आंबेकर की पोस्टर गैंग में भी वह था. शिर्के का कहना है की वे मंगेश के घर जा- जाकर परेशान हो चुके है और वो इनका फ़ोन भी नहीं उठाता. इन्होने जब मंगेश से 30 लाख रुपए लौटाने के लिए कहा तो उसने नहीं देने की धमकी दी और कहा की जो करना है कर ले. इस तनाव के कारण देवानंद ने आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाया था.

इसके साथ ही और भी लोगों की शिकायत पुलिस से और अपने सुसाइड लेटर में देवानंद शिर्के ने जिक्र की है. मंगेश कडव के साथ ही टेका नाका के हबीब नगर के शाहिद नामक व्यक्ति पर पीड़ित देवानंद की पत्नी निमिषा ने यह आरोप लगाया है की आरोपी शाहिद ने नशा देकर उनके पति को लूडो जैसा खेल खिलाया और उसमें इनको हराया और इसके बाद इनकी गाड़ियां छीन थी. इसके बाद देवानंद की पत्नी निमिषा ने पैसे देकर यह गाड़ियां लायी थी. इसके बाद फिर यही कारण बताकर शाहिद ने 2 से 3 गाड़ियां देवानंद शिर्के से फिर छीनी है. इसकी शिकायत भी इन्होने पुलिस स्टेशन में दर्ज की है.

पीड़ित देवानंद शिर्के ने अपनी आत्महत्या करने के पीछे और एक व्यक्ति को कारण बताया है. उसका नाम नितिन पाटिल बताया है. शिर्के के अनुसार नितिन पाटिल उनकी पत्नी को बहन मानता था और उनकी पत्नी उसको राखी बांधती थी. जिसके कारण शिर्के परिवार का उसके साथ घर जैसा संबंध हो गया था. नितिन ने देवानंद को 3 प्रॉपर्टी में पैसे लगाने की सलाह दी. तीनों ही जगहों पर देवानंद ने पैसे इन्वेस्ट किए. खेत के सौदे में विश्वास के आधार पर खेत का करारनामा इन्होने नितिन के नाम पर किया. इसमें रामटेक का पावने चार एकड़ का खेत नितिन के नाम पर लिया. 15 लाख रुपए इन्होने दिए. इसके साथ ही छोटा ताजबाग में एक प्लॉट भी उसके नाम पर खरेदी किया. यह सभी प्रॉपर्टीज खरीदे हुए करीब 5 साल का समय हो चूका है. देवानंद ने बताया की मुझे परेशानी हुई तो उन्होंने एक प्लॉट बेच दिया. लेकिन अब रामटेक और सावडी आसोला की जमीन बेचने का निर्णय लिया है. उसके लिए मेरा सौदा भी हो चूका है. लेकिन नितिन पाटिल रजिस्टी नहीं करके दे रहा है, वो अचानक से बदल गया. पिछले महीने जब देवानंद ने नितिन पर गुस्सा किया तो नितिन इनको मारने के लिए दो गुंडों को लेकर आया. दोनों गुंडे महाल के है और उनके नाम सोनू जाधव और रामु जाधव है. देवानंद ने कहा है की उनके पास किसी भी तरह का प्रूफ नहीं होने से वे निराश हो चुके है और इसलिए उन्होंने आत्महत्या का निर्णय लिया है.

पीड़ित देवानंद ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया. लेकिन समय रहते उनकी जान बच गई. उन्होंने और उनकी पत्नी ने आत्महत्या के लिए मंगेश कडव, शाहिद, नितिन पाटिल को जिम्मेदार ठहराया है. इन्होने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि इन्हे इनके पैसे लौटाने में मदद की जाए और इन सभी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए.