नागपुर: जीएसटी कॉउन्सिल की बैठक में प्रस्तावित जीएसटी को लेकर चार तरह के टैक्स रेट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है की जीएसटी लागू होने के बाद महंगाई न बढ़े संभवत : इस बात को ध्यान में रखते हुए चार तरह के टैक्स रेट प्रस्तावित किये गए हैं ! इसके अलावा कर मुक्त दर और जीरो रेट दर अलग से होगी वहीँ सोने चांदी पर क्या दर होगी, इनका फैसला होना बाकी है ! व्यापारियों की दृष्टि से विभिन्न टैक्स दरों में कौन कौन सी वस्तुएं आएँगी, यह महत्वपूर्ण है तभी जीएसटी का भविष्य का स्वरुप तय होगा ! कैट ने स्पष्ट रूप से कहा है की जीएसटी में एक रिटर्न और एक अथॉरिटी का होना बेहद आवश्यक है तभी स्वतः कर पालना बढ़ेगी और राज्यों का राजस्व भी बढेगा !
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की जीएसटी पूर्ण रूप से टेक्नोलॉजी पर आधारित एक कर प्रणाली है जिसकी पालना केवल कंप्यूटर के माध्यम से ही हो सकेगी जबकि दूसरी ओरअभी भी देश भर में बड़ी संख्यां में व्यापारियों एवं गैर संगठित क्षेत्र के अन्य वर्गों द्वारा अपने व्यवसाय में कंप्यूटर सिस्टम को अपनाया जाना बाकी है ! इस अंतर को कम करने ओर देश भर में व्यापारियों को जीएसटी की बारीकियों और उसके कंप्यूटरीकृत पालना हेतु लोगों को प्रेरित करने के लिए बड़ी तैयारियों की जरूरत होगी इस दृष्टि से केंद्र एवं राज्य सरकारों के तुरंत व्यापारी संगठनों के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए और जीएसटी पर व्यापारियों की चिंताओं और मुद्दों का निराकरण किया जाना बेहद आवश्यक है ! अधिकारियों की तरह व्यापारियों को भी जीएसटी की ट्रेनिंग दिया जाना जरूरी
है !
क्योंकि जीएसटी कर प्रणाली वर्तमान वैट कर प्रणाली से बिलकुल भिन्न है और एक्साइज, सर्विस टैक्स एवं वैट सहित अन्य अनेक करों के जीएसटी में समाहित होने एवं पूर्ण रूप से कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के द्वारा ही पालना के चलते यह बेहद जरूरी है की इस बारे में व्यापारियों को प्रशिक्षित किया जाए ! यह भी महत्वपूर्ण है की सरकार पूरी तरह व्यापार एवं उद्योग सहित सभी क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक को बढ़ावा दे रही है और भविष्य में व्यापार के सभी क्षेत्रों में भी डिजिटल तकनीक का बेहद महत्व होगा और इस बात को देखते हुए सरकार को तुरंत आवाश्यक कदम उठाने चाहियें !