दोषी सिर्फ आम नागरिक
मनपा प्रशासन और यातायात पुलिस की अतिक्रमणकारियों को शह
नागपुर: सम्पूर्ण शहर का फुटपाथ अतिक्रमण से भरा और अतिक्रमणकारियों के कब्जे में साफ़-साफ़ दिखता है। यह अवैध कृत है। लेकिन मनपायुक्त सह संबंधित जोन प्रमुख को यह नहीं दिखता है। जब सिविल लाइन्स का यह हाल है तो शहर के दूसरे कोने का क्या होगा। यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। यह चित्र विसीए चौक से इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस कॉलेज चौक का नज़ारा है। इस इलाके को वीआयपी इलाके के रूप में जाना जाता है। इस मार्ग पर एक दर्जन से अधिक स्पॉट है। जहां फुटपाथ पर जगह-जगह अपने हिसाब से अतिक्रमण किया गया है। इनमे से अधिकांश अतिक्रमण स्थायी तो नाममात्र के अतिक्रमण अस्थायी है।
वहीं दूसरी ओर यातायात पुलिस हेलमेट नहीं पहनने वाले को १०० रूपए, नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने पर ३०० रूपए, नो एंट्री में प्रवेश पर ५०० रूपए, पीयुसी नहीं तो १००० रूपए, नंबर प्लेट का रंग फीका होने पर ५० रूपए और ट्रिपल सीट सवार से १००० रूपए वसूलने से नहीं हिचकिचाते है। फिर यातायात नियम का पालनकर्ता का जेब नरम हो या गर्म उनसे उन्हें कोई वास्ता नहीं होता।
उल्लेखनीय यह है कि सड़कों पर गड्ढ़े, गलत जगह पर स्पीड ब्रेकर, ट्रैफिक सिग्नल खराब-बंद, सड़कों सह फुटपाथों पर अतिक्रमण, सड़क के गलत ढंग से निर्माण पर सड़कों पर जमा पानी, सड़कों की खुदाई कर छोड़ दिए जाने वाले गड्ढ़े, सड़को पर फेरीवाले-अस्वछता, सड़कों व फुटपाथों पर अवैध होर्डिंग-फ्लैक्स आदि, निर्माणकार्य सामग्री का फैलाव आदि पर यातायात विभाग का ध्यान कभी नहीं जाता। यह सिविल लाइन्स से लेकर शहर के आउटर भागों के एक सरीके हाल है। अर्थात प्रत्येक चीज़ के लिए नागरिक दोषी, कर दाता भी आम नागरिक फिर प्रशासन की क्या भूमिका है?
– राजीव रंजन कुशवाहा