Published On : Sat, Feb 15th, 2020

उड़ती खबर : विपक्ष को संयम रखने का निर्देश

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– मुंढे राज में सत्तापक्ष को किया जाएगा नज़रअंदाज और विपक्ष के सिफारिशों को मिलेंगी तहरिज

नागपुर : मनपा विशेष सभा के दूसरे दिन शुक्रवार को मनपा मुख्यालय में जगह-जगह चर्चा हो रही थी कि मनपा में विपक्ष याने कांग्रेस,सेना व एनसीपी जरा संयम रखें। कुछ समय बाद उन्हें नए आयुक्त तुकाराम मुंढे तहरिज देंगे और सत्तापक्ष के सिफारिशों को सिरे से नज़रअंदाज करेंगे,इसका उदहारण उन्होंने मनपा की विशेष सभा में संकेत दे चुके हैं.

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राज्य में सरकार बदलते ही आला अधिकारियों को भी खासकर पिछले सरकार के करीबी अधिकारियों को दरकिनार किया गया और वर्त्तमान सरकार के करीबियों को प्रमुख जिम्मेदारी सौंपी गई.

इस क्रम में व्यवस्थित चल रहे मनपा के आयुक्त बांगर को बिना किसी अन्यत्र तबादले के उन्हें घर बैठा दिया गया.उनकी जगह तुकाराम मुंढे को मनपा का आया आयुक्त नियुक्त कर दिया गया.

उड़ती खबर यह हैं कि मुंढे नागपुर जाने के मूड में नहीं थे,इसलिए वे मुख्यमंत्री से मिलकर तबादला रुकवाने की कोशिश की तो मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि नागपुर जाओ या फिर घर !

मुख्यमंत्री ने बिना नागपुर जिले के मंत्रियों को पक्ष में लिए मुंढे को नागपुर विश्वास के साथ भेजा,उन्हें पता था कि मंत्री द्वय विरोध नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने इसलिए भी उन्हें नागपुर भेजा क्यूंकि नासिक मनपा का बदला चुकता करना था.वहां भी मोहरा मुंढे ही थे.इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री के शहर की मनपा में भाजपा की एक दशक से सत्ता को विचलित करने के लिए मुंढे का इस्लेमाल किया जाने की योजना हैं,इसलिए मुंढे पूर्व मुख्यमंत्री के शहर में जाने से बचने की तमाम कोशिशें की ऐसी चर्चा मनपा के विपक्ष में चर्चा का क्रम जारी हैं.

यह चर्चा कल उफान पर थी कि विपक्षी पार्षद मुंढे से विचलित न हो,उन्हें स्थापित होने दें,कांग्रेस के तथाकथित बड़े नेताओं ने नगरसेवकों को आश्वस्त किया कि कुछ दिनों बाद विपक्षी पार्षद की साड़ी शंका-कुशंका दूर हो जाएंगी।उनके रुके व संभावित प्रस्तावों,सुझावों को मुंढे हरी झंडी देंगे और सत्तापक्ष द्वारा किया गया असमतोल व्यवहार पर रोक लगाया जाएगा।

इस चर्चा में विपक्ष के पार्षद जो सत्तापक्ष के करीबी बताये जा रहे,वे मुंढे को नागपुर से हटाने के पक्ष में नज़र आए.उनका कहना था कि सरकार भले ही किसी भी पक्ष की हो मुंढे सभी के जायज व महत्वपूर्ण सिफारिशों को प्रधानता देंगे।

यह भी देखने को मिल रहा कि अब तक पिछले कुछ दशक से अधिकारी वर्ग ‘जबानी आदेश’ पर ‘हाँ जी हाँ जी’ करते व अमल में लाते नज़र आए,अब वे पिछले २ सप्ताह से मनपा नियमावली पढ़ते दिखें।

आय बढ़ाने के लिए मुंढे ने वार्ड अधिकारियों को सख्त निर्देश देने के बाद भी वे गंभीर नज़र नहीं आ रहे.आशी नगर जोन के कुछ रहवासी व व्यवसायिक संकुल में कर दोहरे मापदंड के तहत लगाए जा रहे.एक ही परिसर के कर दाता २००७ से नियमित कर भर रहे तो दूसरे न भरने वालों को २०१३ से कर शुरू करने का डिमांड थमाया गया.मंगलवारी जोन में न्यू गाँधी लेआउट में रहवासी क्षेत्र में डिपो चलाने वाले से रहवासी को लागु संपत्ति कर वसूला जा रहा.पिछले अतिरिक्त आयुक्त रविंद्र ठाकरे से शिष्टमंडल भी मिला था लेकिन न्याय नहीं हुआ.

उल्लेखनीय यह भी हैं कि लगभग १७० मूल कर्मी संपत्ति कर विभाग के वर्षों से अन्यत्र विभाग में मजे काट रहे.जलप्रदाय विभाग का भी ऐसा ही कुछ हाल हैं,इसलिए मनपा की आर्थिक हालात बद से बदत्तर हैं,क्या मुंढे इस ओर गौर करेंगे या फिर ‘ढाक के तीन पात’.

अब देखना यह हैं कि मुंढे बनाम सत्तापक्ष के द्वन्द में किसका पलड़ा भविष्य में भारी पड़ता हैं और मुंढे के रहते कितनी आर्थिक शिष्टाचार आ पाती हैं.

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