Published On : Fri, Oct 22nd, 2021

तालाब लावारिश घास के दुष्प्रभाव से मछली पालन खतरे मे

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– जल वायु प्रदूषण को जनमानस के स्वास्थ्य के लिए खतरा

कोराडी: देवी मंदिर तीर्थ क्षेत्र तथा सावनेर मार्ग से सटे महानिर्मिती के तालाब में लावारिश घास जमा हो जाने से मछलियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है।मच्छीमार सोसायटी के अनुसार महानिर्मिती के तालाब में लावारिश घास जमा हो गयी है ।यह घास बरसात के दिनों में नदी नालों के जरिए तालाब में जमा हो जाने से उन्हे नौका चलाने मे बडी दिक्कतें आ रही है तथा मछलियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है।

क्योंकि इस घास की वजह से मछलियों को तालाब में विचरण करने मे बाधाएं आ रही है।नतीजतन अधिकांश मछलियां लावारिश घास मे फंस कर उलझ रही है।मच्छी मार सोसायटी के सचिव अरुण वाघधरे ने कहा कि इस समस्या निवारण के लिए महानिर्मिती पावर प्लांट कोराडी के मुख्य अभियंता को सौंपा जा चुका है।इसके अलावा ऊर्जा मंत्री डा नितिन राऊत को भी मांगों का ज्ञापन सौंपा गया है।उन्होंने बताया कि तालाब की साफ सफाई की व्यवस्था जरुरी है।क्योंकि इस लावारिश घास की वजह से मछलियों का विकास चौपट हो रहा है।घास मे फंसी मछलियां तडफ तडफकर मर रही है।

इससे तालाब का पानी और भी प्रदूषित हो रहा है।इससे तालाब में विचरण कर रही मछलियों के प्राण संकट में है।इतना ही नहीं तालाब का पानी प्रदूषित होने के कारण आजू-बाजू की रिहायशी बस्तियों के निवासियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है।यह बात तो कोराडी-महादुला नांदा पुनर्वास,खापरी तथा कोराडी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को भलीभांति मालुम है।क्योंकि जन स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है।उन्होंने स्वास्थ्य विभाग तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का भी प्रेसमीडिया के माध्यम से ध्यानाकर्षित किया है।