Published On : Thu, Mar 7th, 2019

गार्ड लाइन में पटरी किनारे लगी आग फिर भी नींद से नहीं जागा रेलवे प्रशासन

Advertisement

नागपुर: हमेशा अपने मुस्तैदी का बखान करनेवाले रेल प्रशासन की सतर्कता की पोल उस वक़्त खुल गई जब गार्ड लाइन के पास रेलवे पटरी के किनारे आग लगाई और रेलवे की ओर से ख़ैर खबर लेने कोई नहीं पहुँचा. रेलवे पटरियों के किनारे कचरे के ढेर में लगी यह आग देखते ही देखते बड़ी लपटों में बदल गई फिर भी किसी को जाग नहीं आई.

रेलवे प्रशासन की अधिकांश खुली और मौके की जगह पर कई दशक से अतिक्रमण जारी हैं. दूसरी ओर सरकारी विकास कार्य के लिए जायज अनुमति मांगी जाता है तो प्रशासन काफी दिक्कतें देता रहा है. अतिक्रमणकारियों ने रेलवे की खुली जगह को कचरा डंपिंग यार्ड भी बना रखा है. जब मन चाहा उसे फूंक ( आग लगा देते ) भी देते हैं. आज भी नागपुर के गार्ड लाइन के निकट रेलवे पटरी से लगी खुली जगह पर जमा कचरे को फूंक दिया गया. आग की बढ़ती लपेट नई दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रही है. रेलवे प्रशासन को पूरी जानकारी होने के बावजूद चुप्पी साधे रहना समझ से परे है.

गार्ड लाइन से कड़बी चौक जाने के मार्ग पर लगभग 1 किलोमीटर दोनों ओर अतिक्रमण दशकों से है. इसी मार्ग पर गार्डों के निवास से लगकर लगभग 200 मीटर सड़क के दोनों किनारे कबाड़ का जमावड़ा वैसे ही दुर्घटनाओं को आमंत्रण देता आ रहा है. गार्ड लाइन क्वार्टर के निकट गन्ने और नारियल वाले थोक व्यापार करते हैं. इन दोनों का कचरा गार्ड लाइन के पीछे पटरी के बाजू में खुली जगह रोज फेंक दिया जाता है. जब कचरे का ढेर बढ़ जाता है और सूख जाता है तो उसमें आग लगा दी जाती है.

आज सुबह सुबह भी कुछ ऐसा हुआ, लेकिन आग की बढ़ती लपेट से आसपास के रहवासी सकते में आ गए, क्योंकि उन्हें डर है कि आग की लपट सड़क की ओर बढ़ी तो कबाड़ को आगोश में ले सकती है. इसके बाद आग गार्ड लाइन के क्वार्टर, मेयो अस्पताल परिसर,मोमिनपुरा के घरों के तरफ बढ़ा तो अनहोनी होते देर नहीं लगेगी. इसलिए स्थानीय नागरिकों ने मनपा,शहर पुलिस,रेलवे,यातायात पुलिस प्रशासन से उक्त मामले पर गंभीर दखल लेने की गुजारिश की है. नारियल और गन्ने के रस व्यवसाय से अड़चन नहीं, उनके रोजाना कचरा मनपा ने शुल्क लेकर उठाने की मांग की. सड़क किनारे कबाड़ से मुक्ति हेतु अतिक्रमण विभाग और यातायात पुलिस ने कड़ा कदम उठाने की भी मांग की. रेलवे प्रशासन ने अतिशीघ्र रेलवे के अतिक्रमण का सफाया कर भविष्य में होने वाली अनहोनी पर लगाम लगाने की ओर भी ध्यान खींचा.