Published On : Wed, Feb 12th, 2020

अंततः महापौर से मिले आयुक्त मुंढे

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कल नासुप्र मामले पर मनपा की विशेष सभा

नागपुर: नागपुर मनपा की परंपरा रही हैं कि नए आयुक्त पदारूढ़ होते ही महापौर आदि से उसी दिन सद्भावना मुलाकात कर एक-दूसरे से चिर-परिचित होते हैं। लेकिन मनपा के नए आयुक्त तुकाराम मुंढे ने ऐसा नहीं किया। वे 14 दिन बाद आज दोपहर महापौर संदीप जोशी से आधे घंटे की पहली सद्भावना मुलाकात की।

यह भी चर्चा हो रही कि कल मनपा की नागपुर सुधार प्रन्यास मामले में विशेष सभा हैं। अगर आयुक्त सीधे सभागृह में सभी से मुलाकात करते तो सभागृह में सवाल भी उठाया जा सकता हैं। यह भी चर्चा रही कि प्रन्यास मामले में महापौर और आयुक्त की कुछ चर्चा हुई।

पिछले कई दशकों से जब जब नए आयुक्त मनपा में जिम्मेदारी संभाले, ठीक उसी दिन या अगले दिन महापौर के अलावा स्थाई समिति अध्यक्ष से मुलाकात करते रहे। जिससे सत्तापक्ष और प्रशासन के मध्य कभी दूरियां नहीं देखी गई। यह सिलसिला तब टूटा जब मनपा के बतौर आयुक्त वीरेंद्र सिंह नियुक्त हुए। वे भी कई दिनों तक महापौर से मुलाकात नहीं कि,इस दरम्यान तत्कालीन महापौर,उनके रिश्तेदार लगातार सिंह के सहायक को मुलाकात के लिए गिड़गिड़ाते दिखे थे। जब ज्यादा दबाव बना तो आयुक्त वीरेंद्र सिंह तत्कालीन आयुक्त से चंद मिनटों के लिए मुलाकात कर खानापूर्ति की थी। इसके बाद वर्तमान आयुक्त मुंढे ने वर्तमान आयुक्त से मिलने की सार्वजनिक रूप से तत्परता नहीं दिखाई। मनपा में जिम्मेदारी जब संभाले तो महापौर शहर के बाहर थे और जब महापौर शहर में तो आयुक्त शहर के बाहर,कुछ इस तरह आंख- मिचौली मनपा में गर्मागर्म चर्चा का विषय रही। इस चर्चा को आज पूर्ण विराम लगते हुए आयुक्त ने आज दोपहर महापौर जोशी से औपचारिक मुलाकात की। लगभग दोनों की बंद कमरे में आधा घंटे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके बाद आयुक्त उनसे विदा लेकर अपने गंतव्य स्थल की ओर रवाना हो गए।

मुंढे के रुख से नगरसेवकों में नाराजगी:
मुंढे अपने स्वभाव अनुसार नगरसेवकों से भी दूरी बनाए हुए हैं। कोई मिला भी चाहा तो उन्हें बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। अधिकांश नगरसेवक वर्ग मुंढे से दूरी बनाए हुए हैं। इस डर से कि कहीं उनके उग्र तेवर का शिकार न हो जाए। यह भी कड़वा सत्य हैं कि शहर भर में मुंढे के नाम से अभूतपूर्व सन्नाटा हैं। वे शहर के बाहर भी रहे तो मनपा मुख्यालय,जोनल कार्यालय में शांति और समयबद्ध कार्यक्रम अब देखने को मिल रहा।

क्या पब्लिसिटी के अतिप्रेमी हैं आयुक्त:
उनकी आदत अनुसार वे कभी कहीं बता कर कुछ नहीं करते और औचक निरीक्षण सह पूछताछ करते देखे गए। हुआ यूं कि आज आयुक्त का सुबह सुबह भांडेवाड़ी डंपिंग यार्ड का दौरा करने का मन हुआ। उन्होंने अपने सहायक के मार्फत अधिकारियों को सूचना भिजवा दी। साथ में मीडिया को भी न्यौता देने का निर्देश दिया।सुबह 8 बजे के आसपास मनपा जनसंपर्क कार्यालय को उक्त सूचना मिली । विभाग के प्रतिनिधि ने सिर्फ चुनिंदा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को ही आयुक्त के दौरे की सूचना दी। दौरा निपटने के बाद आयुक्त पहली दफा उपस्थित मीडिया से रु-ब-रु भी हुए। इस घटनाक्रम से यह तर्क लगाया जा रहा कि वे मीडिया में बने रहने के लिए नए नए हथकंडे अपना रहे ? वह भी प्रिंट मीडिया को दरकिनार कर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को तहरिज दे रहे। या फिर उन्हें उम्दा पब्लिसिटी देकर कोई अपनी रोटी तो नहीं सेक रहा !