Published On : Tue, Aug 6th, 2019

अंततः मनपा झुकी,किया १७ बर्खास्त कर्मियों को बहाल

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– साढ़े 4 वर्षों तक सेवाएं देने के बावजूद कर्मचारियों पर गाज गिरी थी

नागपुर: मनपा में हुए भर्ती घोटाले को लेकर भले ही तत्कालीन आयुक्त टी. चंद्रशेखर की ओर से 106 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया हो, लेकिन कुछ समय पहले जहां 89 कर्मचारियों को पुन: नौकरी में वापस लिया गया, वहीं सोमवार को मनपा प्रशासन की ओर से आदेश जारी कर बचे 17 बर्खास्त कर्मचारियों की भी बहाली करने के आदेश जारी किए गए. उल्लेखनीय है कि वर्ष 1997 में मनपा में विभिन्न पदों की भर्ती के लिए जारी किए गए विज्ञापन के अनुसार परीक्षार्थियों के चयन के उपरांत चयनित 252 कर्मचारियों को नियुक्ति दी गई थी. लेकिन नियुक्तियों में भ्रष्टाचार होने का मामला उजागर होते ही 12 फरवरी 2002 को इनमें से 106 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया था. लगभग साढ़े 4 वर्षों तक सेवाएं देने के बावजूद कर्मचारियों पर गाज गिरी थी.

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उल्लेखनीय यह हैं कि 17 कर्मचारियों को बर्खास्त किए जाने के आदेश को अदालत में चुनौती दी गई. इसी तरह मंत्रालय में भी अपील पर हुई सुनवाई के बाद 11 नवंबर 2011 को 89 कर्मचारियों को वापस नौकरी में लेने के आदेश जारी हुए थे, जबकि 17 लोगों को नौकरी पर लेने से इंकार किया गया था जिससे पुन: मंत्रालय में अपील दायर की गई. लेकिन मंत्रालय द्वारा अदालतों के विचाराधीन मामला होने का कारण देते हुए राहत देने से इंकार किया गया. इससे अदालतों से मामले वापस लेकर इसकी सूचना विभाग को दी गई. लेकिन मंत्रालय की ओर से इस पर संज्ञान नहीं लिया गया, जिससे मजबूरन कोई सुनवाई नहीं होने से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया.

उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई के दौरान न्यायाधीश वासंती नाईक द्वारा 7 जून 2015 को सरकार को 3 माह में फैसला लेकर याचिकाकर्ता और अदालत को अवगत कराने के आदेश दिए थे. साढ़े 3 वर्षों तक कुछ भी नहीं किया गया, जिससे 17 कर्मचारियों में रोष बढ़ता गया.

फलस्वरूप मुख्यमंत्री आवास के सामने 2 कर्मचारियों ने आत्मदहन का भी प्रयास किया. इसकी भनक लगते ही मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस द्वारा तुरंत निर्णय लेने के निर्देश प्रशासन को दिए गए. इसके बाद भी कुछ नहीं होने पर हाईकोर्ट को पत्र भेजा गया. जिस पर हाईकोर्ट की ओर से स्वयं संज्ञान लेकर अवमानना का मामला स्वीकृत किया गया. जहां सीएम और सचिव की ओर से शपथपत्र दिया गया. शपथपत्र में मनपा आयुक्त को अधिकार दिए जाने की जानकारी दी गई, जिसके बाद 21 जून 2019 को सरकार की ओर से आदेश जारी किया गया. अंतत: 17 कर्मचारियों की बहाली की गई.

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