प्रधानमंत्री मोदी को आखिर हो क्या गया है?अनाप-शनाप बोल रहे हैं!झूठ का पुलिंदा परोस रहे हैं!तथ्यों से दूर भागते अपनी सरकार के आँकड़ों को झूठला रहे हैं!क्या उनकी याददाश्त चली गई है या हताशा में जानबूझ कर गलत बयानी कर रहे हैं?शर्मनाक कि इस प्रक्रिया में मोदी जी भूल जाते हैं कि वे देश के,भारत के प्रधानमंत्री हैं।
ओह !ऐसा तो पहले किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया!!
अब देखिए,उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में प्रधानमंत्री बोल गये कि पिछ्ले 5वर्षों में देश में एक भी आतंकी घटना नहीं हुई ।किसी की जान नहीं गई।जबकि,उनकी अपनी सरकार के गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार,2013के बाद,पिछ्ले 5वर्षों में आतंकी घटनाओं में 176 प्रतिशत इज़ाफा हुआ और आतंकी घटनाओं में हमारे जवानों तथा आम नागरिकों की मौत की संख्या में 93प्रतिशत की वृद्घि हुई।उड़ी,पठानकोट,पुलवामा जैसे बड़े आतंकी हमले के अलावा देश प्राय:प्रतिदिन आतंकी हमलों से दो-चार हो रहा है।
इसी प्रकार,आज छत्तीसगढ की एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को बलिदान की परवाह नहीं है।कितनी हास्यास्पद बात है ये?राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में परस्पर आरोप-प्रत्यारोप लगते हैं,लगाये जाते हैं।विशेषकर चुनावी मौसम में।लेकिन,प्रधानमंत्री चूंकि पूरे देश का,पूरी भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं,उन्हें न केवल शब्दों,बल्कि तथ्यों के चयन में भी काफी सावधानी बरतनी चाहिए।ये याद रखना होगा कि प्रधानमंत्री के मुख से निकले प्रत्येक शब्द/तथ्य दस्तावेज के अंश बनते हैं।
कांग्रेस पर बलिदान के प्रति बे-परवाही के आरोप का कोई खरीदार मिलेगा?स्वतंत्रता संग्राम में उनके ऐतिहासिक बलिदान और फिर आजाद भारत में कांग्रेस के दो प्रधान मंत्रियों,इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की कुर्बानियों की मौजूदगी में कांग्रेस पर बलिदान के प्रति बे-परवाही का आरोप लगा प्रधान मंत्री मोदी ने स्वयं को हास्यास्पद बना डाला है ।
विगत कल,शुक्रवार को ABP न्यूज़ चैनल को साक्षात्कार के दौरान उन्होंने चैनल को पक्षपाती और डरपोक बताने की कोशिश की ।राफेल सौदे पर एक सवाल पर प्रधानमंत्री बिफर उठे ।साक्षात्कार लेने वाले पत्रकार सुमित अवस्थी और रुबिका को सीधे चुनौती देते हुए कहा कि,”झूठे आरोप लगाने वाले से सवाल पूछने में आप डरते हैं।छ: महीने से एक झूठाआरोप लगाया जा रहा है,ऐसा आरोप जो आज तक सिद्ध नहीं हुआ ।”
कमाल है!जबआरोप की जाँच ही नहीं हुई,तो गलत या सही सिद्ध कैसे होगा?कांग्रेस की यही तो मांग है कि सौदे की जाँच हो।यहाँ तक कि विपक्ष की माँग है कि संयुक्त संसदीय समिति से,जहाँ बहुमत सत्ता पक्ष का रहता है,जाँच करवा ली जाये।लेकिन,मोदी सरकार इसके लिए भी तैयार नहीं है!फिर आरोप सिद्ध कैसे होगा ?
प्रधानमंत्री ने आज ही ये भी आरोप लगाया कि कांग्रेस में भगदड़ मचीहै।कांग्रेसी पार्टी छोड़ भाग रहे हैं।जबकि,आज ही भाजपा के सांसद,पूर्व केंद्रीय मंत्री, शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं।इसके पहले भाजपा के ही सांसद कीर्ति आजाद सहित अन्य पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं।देश के कई भाजपा सांसद/विधायक कांग्रेस में शामिल हुएऔर हो रहे हैं।हाँ,ये ठीक है कि आया राम-गया राम से कांग्रेस भी प्रभावित है।लेकिन,जब प्रधानमंत्री एकतरफ़ा बात करते देखे जाते हैं,तब राष्ट्र दुखी होता है!
ऐसे अनेक उदाहरण हैं,जब प्रधानमंत्री ने अपनी ही बातों से स्वयं को हास्य का पात्र बना डाला है।
बेहतर हो,प्रधानमंत्री सावधानी बरतें!स्वयं को और राष्ट्र को उपहास का पात्र न बनने दें!