नागपुर: पहले मौसम के कारण और अब महाबीज के सोयाबीन बीजों के कारण किसानों को अब ख़रीफ़ की फ़सल के दौरान बुआई से वंचित रह जाने का डर सताने लगा है. पहले ही नैसर्गिक आपदाओं से जूझता किसान इस बार फिर संकटों से घिरा हुआ दिख रहा है. महाबीज सरकारी कंपनी होने से किसानों को इस पर ज्यादा विश्वास है. इसी विश्वास के साथ किसानों ने महाबीज का बीज खरीद कर खरीफ के सीजन में बुआई की थी. लेकिन 9560 व 9305 प्रजाति के सोयाबीन के बोए गए बीजों में केवल 30 प्रतिशत ही अंकुरीत हो पाए हैं. महाबीज के सोयाबीन के बीजों को लेकर विदर्भ से रोजाना किसानों की शिकायतें कृषि विभाग के कार्यालय में पहुंच रही हैं. किसानों के प्रश्नों के कारण अधिकारियों की भी मुसीबतें बढ़ गई है.
जून महीने में किसानों ने इन बीजों की बुआई की थी. लेकिन इसमें से केवल 30 प्रतिशत बीजों में ही अंकुर आ पाए हैं. शुरुवात में एक दो जगहों पर यह मामले सामने आए थे. लेकिन अब विदर्भ के कई जिलों में यह घटनाएं सामने आ रही है. कई जगहों पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों के खेतों में जाकर भी बीजों का निरक्षण किया. जिसकी रिपोर्ट बनाकर वे वरिष्ठ अधिकारियों को सौपेंगे.
किसानों द्वारा विदर्भ में 9560 व 9305 प्रजाति के सोयाबीन बीजों की 6 लाख बैग की बिक्री हुई है. इसमें से करीब एक हजार से ज्यादा बीजों में अंकुर नहीं आने की शिकायत विभाग को मिली है. कई बीजो के नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है.