तलेगांव (शामजीपंत) (वर्धा)। इस वर्ष अनियमित बारिश होने जमीन की नमी चली गयी, रबी फसल का सीजन चला गया, तालुका में सूखे की स्थिति निर्माण हो गयी है. पानी की कमी सर्दी के मौसम में बढ़ रही है, इन समस्याओं पर कुछ मदद मिले ऐसी आस अब किसान सरकार लगा की ओर कर रहे है.
खरीप 2014 हंगाम में बुआई के दो महीने बाद भी बारिश नहीं, कम दर्जे के बिज, फसल पर रोग का फैलना जिससे खरीप हंगाम में 50 से 70 प्रतिशत उत्पादन में कमी आई है. समय के अभाव से मुंग, उड़द की फसल चली गयी और सोयाबीन से भी निराशा मिली. सोयाबीन की फल्ली का दाना छोटा होने पर योग्य भाव नहीं मिल रहा है. दो-तीन बार बुआई करने पर सोयाबीन से धोका मिला है.
कपास का भी वही हाल है. जमीन में नमी नहीं होने पर कपास का फुल फुट नहीं रहा. सर्दी के मौसम में फसल मुर्झा कर पिली पड़ रही है. मुंग,उड़द,सोयाबीन हात से जाने पर कपास, गेहू, तुअर, चना से कुछ फायदा मिलने की आशा किसानों की थी. नवंबर के आखरी में 30 प्रतिशत बुआई हुयी है. चने की फसल भी नमी की वजह से कम हुयी, और जो हुयी है वो मुर्झा रही है. जिससे किसानों की समस्याओं के घेरे में फस गए है. तालुका के इस सुखे की स्थिति में किसानों को सहुलत और योजना मिलने कोई गुंजाइश नहीं दिख रही, यह सरकार का किसानों पर हो रहा अन्याय है.
सरकार मदद का हाथ कब बढ़ाते है इसकी ओर किसान प्रतीक्षा कर रहे है. नदी और बांध का पानी दिन-ब-दिन कम होने से जल आपूर्ति की समस्या बढ़ने वाली है. साथ ही चारे की समस्या गर्मी में आएगी.

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