- समस्याओं से ग्रस्त एक और अल्पभूधारक किसान का करुण अंत
- सरकार से शीघ्र सहायता की आनन्दवाड़ी में उठी माँग
तिवसा (अमरावती)। लगातार फसल के बरबाद होने व सिर पर पड़े कर्ज के बोझ को न ढो पाने से थककर अंतत: मौत को गले लगाने का सिलसिला पूरे महाराष्ट्र में लगातार जारी है. इससे संबद्ध एक अल्प भूमिधारक किसान फसलों की बरबादी व कर्ज के कारण अपने 2 बेटियों की शादी न कर पाने जैसे कारणों से हृदय रोग का शिकार हो चला था. बुधवार को उसकी मृत्यु खेत में हो गई. यह घटना भांबोरा गाँव में हुई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक तिवसा के आनन्दवाड़ी निवासी विजय चंद्रभान बुटले नामक किसान हैं. वह अपने ढाई एकड़ खेत में सोयाबीन की फसल लगाई थी. जिसका एक हिस्सा (1 एकड़) उसके भाई का था. उस फसल से लागत मूल्य भी नहीं निकल पाया था. जिससे लिया गया कर्ज को नहीं चुका पाने व घर पर बैठी दो बिन बियाही बेटियों की शादी की चिंता उसे सताने लगा. इन्हीं झेमेलों के बीच उसके हृदय रोग ने भी अपना शिकंजा कस दिया. फलत: बुधवार को प्रात: जब वह खेत में काम कर रहा था, हृदयाघात से उसके प्राण पखेरू उड़ गए. इस आकस्मिक दुर्घटना के बाद पूरे परिसर में मातम पसर गया. इससे उसके परिवार पर जीवन यापन तथा कर्ज को उतारने दोहरी मार पडऩे से चौतरफा परेशानियां आन पड़ी हैं. गाँव के वरिष्ठजन उन्हें शीघ्र सहायता दिए जाने के लिए सरकार से मदद करने की अपील कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर महाराष्ट्र सरकार इन समस्याओं से ग्रस्त किसानों की सहायता कब तक करेगी, क्योंकि दिनोदिन आत्महत्याओं की घटनाएँ बढ़ती ही जा रही हैं और कोई फैसले पर मुहर नहीं लग पा रही है.