- पुलिस वाले ने बदला गाड़ी का नंबर
- कार्यकर्ताओं ने नंबर से बनाया शरद पवार
- दो एसटीयां समान नंबर की
सवांदाता / बीरेंद्र चौबे
यवतमाल। वाहनों की नंबर लेट ऐसी होनी चाहिए कि दूर से भी उसके नंबर ठिक से पढ़े जा सके. ताकि कोई दुर्घटना होती है तो पीडि़त और प्रत्यदर्शियों को उसकी जानकारी आसानी से मिल सके. मगर कभी देखने में यह आ रहा है कि, मनचाहे तरीके से नंबर लेट से छेड़छाड़ कर नाम लिखे जा रहें है. कोई उसके विभाग का रौब झाड़ रहा है तो कोई अपने पार्टियों के नेताओं के नाम नंबर लेट से बना रहें है. इतना ही नहीं तो रापनि की 2 बसें समान नंबर की परतवाड़ा के बस स्टैंड पर देखने मिली.
आरटीओ द्वारा दिया गया गाड़ी का नंबर एक स्थानीय पुलिसवाले ने इस तरह बदला कि वह शहर का चर्चा का विषय बन चुका है. वैसे पुलिस और आरटीओ यह दोही विभाग गाडिय़ों के नंबर सही रहें इसके लिए प्रयासरत रहते है. मगर एक पुलिसवाले ने ही उसके अपने वाहन पर गाड़ी का नंबर इस तरह बदल दिया है कि, वह कुछ भी कर सकता है, ऐसा बताने की कोशिश कर रहा है. इस पुलिसवाले ने उसके गाड़ी का नंबर 555 बताने की कोशिश की है. मगर उसका मूल नंबर 2555 है. मगर 2555 के स्थान पर 555 लिखना उसे ज्यादा भा गया है. इसलिए उसने उसकी नंबर लेट पर अपनी पोझिशन और विभाग का पूरा उपयोग लिया है. इसके साथ ही उसने उपर पुलिस और नीचे पुलिस का लोगो लगाया है. बीच में यह नंबर लेट लगी है. जिससे कोई भी व्यक्ति उसे इस नंबर लेट की इस छेड़छाड़ में ना पकड़े, ऐसा प्रयास किया है.
नंबर लेट से बनाया शरद पवार
कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा अपने आका तथा राकांपा के सुप्रिमो शरद पवार एवं बड़े नेताओं को आकर्षित करने के लिए उनके दुपहिया वाहनों की नंबर लेट ही कुछ इस प्रकार बनाई है, ताकि दो गाडिय़ों की नंबर लेट मिलाई गई तो शरद पवार का नाम दिखाई देता है. इसमें शरद याने 2124 तो पवार 4912 यह नंबर है. कुछ इस ढंग से आंकड़ों में लिखा है कि , वह साफ-साफ पढ़ा जा सकता है. ऐसे नंबरों पर पुलिस और आरटीओ कड़ी कार्रवाई करें, ऐसी मांग सजग नागरिकों ने की है.
एक ही नंबर की दो एसटीयां दिखी परतवाड़ा बस स्टैंड पर
वैसे राज्य परिवहन निगम के हर एसटीयों के नंबर अलग होते है, मगर परतवाड़ा बस स्टैंड पर एकही नंबर की दो एसटीयां एक-दूसरे के पास खड़ी दिखाई देने से इन एसटीयों के नंबर एम.एच.40/8526 एक समान होने की बात पता चली है. जिससे सजग लोगों ने फोटों भी निकाल लिया. आरटीओ ने इन दोनों बसों का पासिंग करते समय यह खामि यों नहीं पकड़ी? दूसरा संबंधित बस डिपो के निरीक्षकोंं और चालकों तथा वाहकों द्वारा भी यह बात उनकेे उक्त अधिकारियों में ध्यान में नहीं लाई है. कभी एकएसटी टक्कर मारकर निकल जाए और उसका खामियाजा उसी नंबर की दूसरी बस के चालक को भूगतना पड़ सकता है. ऐसी गलतियां करनेवाले के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग हों रही है.