भाजपा विधान परिषद सदस्य परिणय फुके एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गए हैं। इस बार उनके छोटे भाई संकेत फुके की पत्नी प्रिया फुके ने सामने आकर अपने ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रिया ने कहा कि पति के निधन के बाद से वह लगातार न्याय की लड़ाई लड़ रही हैं, लेकिन अब तक उन्हें न तो इंसाफ मिला है और न ही उनकी आवाज सुनी गई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रिया अकेली नहीं थीं। उनके साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की नेता रेणुका खडसे और ऊबाठा की नेता सुषमा अंधारे भी मौजूद थीं। तीनों ने संयुक्त रूप से मीडिया से बात की और प्रिया को ‘लाडली बहन’ बताते हुए उनके लिए न्याय की मांग की।
प्रिया ने अपने बयान में कहा, “मुझे फुके परिवार द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। अब मुझे संपत्ति से भी दूर किया जा रहा है। मैं मुख्यमंत्री, महिला आयोग सभी से गुहार लगा चुकी हूं, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।”
इस मौके पर सुषमा अंधारे ने सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, “महिला आयोग पार्टी के प्रचार में व्यस्त है। यह सभी जानते हैं कि परिणय फुके सत्ता के कितने करीबी हैं। जब एक महिला न्याय मांग रही है, तो उसे अनसुना क्यों किया जा रहा है?”
रेणुका खडसे ने कहा, “प्रिया मेरी बहन जैसी है, और मैं हमेशा उसके साथ खड़ी हूं। यह मामला राजनीतिक नहीं होना चाहिए, लेकिन यह भी सच है कि सत्ताधारी दल के नेताओं पर कार्रवाई नहीं होती। अगर सरकार सच में महिलाओं के हित की बात करती है, तो उसे प्रिया को भी ‘लाडली बहन’ मानकर न्याय देना चाहिए।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दोनों महिला नेताओं ने एक सुर में प्रिया को संपत्ति में बराबर का हक दिलाने की मांग की और सरकार से मामले की निष्पक्ष जांच करने की अपील की।
Nagpur Today ने इस विषय में प्रिया फुके से विशेष बातचीत की, जिसमें उन्होंने कहा:
“मैंने सिर्फ इंसाफ की उम्मीद की थी, लेकिन हर दरवाजे पर निराशा ही हाथ लगी। मैं अब भी चाहती हूं कि मेरे साथ न्याय हो, ताकि कोई और महिला इस तरह की स्थिति में न फंसे। मैं अपना हक लेकर रहूंगी।”