Published On : Mon, Nov 16th, 2020

फर्जी प्रमाणपत्रो की अब होगी जांच, आरटीई एक्शन कमेटी ने की थी शिकायत

Advertisement

नागपुर– फर्जी जाति (Fake Caste) और आय प्रमाण -पत्रों ( Income Certificates) के आधार पर आरटीई प्रवेश ( Rte Admission ) के मामले सामने आने पर शिक्षा उपसंचालक (Education Deputy Director) ने अब गट शिक्षणाधिकारियो ( Group Education Officers ) को सम्बंधित शिक्षा संस्थानों से प्रमाण -पत्रों की सक्षम प्राधिकरण (Competent Authority) से जांच कराने के आदेश जारी किए है. इससे पूर्व प्राथमिक शिक्षणाधिकारी (Primary Education Officer) को आदेश जारी करने के बाद भी कार्रवाई नहीं किए जाने से फिर आदेश जारी किया है. निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर आरटीई प्रक्रिया (RTE process on 25 percent seats) के माध्यम से निशुल्क (Free) प्रवेश दिए जाते है.

आरक्षित वर्ग (Reserved Class) के लिए जाति प्रमाण पात्र (Caste Certificate) और खुले वर्ग (Open Class) के लिए एक लाख से कम वार्षिक आय प्रमाण पत्र (Income Certificate) आवश्यक है. हाईकोर्ट के आदेश पर गठित समिति द्वारा दस्तावेजों की पड़ताल करने के बाद प्रवेश निश्चित किए जाते है. इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते स्कूलों में दस्तावेज जमा करने पर अस्थायी प्रवेश के अधिकार दिए गए. स्कूलों से समिति के पास भेजे गए दस्तावेजों में 8 प्रमाण पात्र फर्जी ( 8 proof bogus) निकले. सक्षम प्राधिकरण से पड़ताल करने पर सम्बंधित कार्यालय से प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाने की पुष्टि की गई.

इस संबंध में आरटीई एक्शन कमेटी ( Rte Action Committee) के चेयरमैन (Chairman) मो. शाहिद शरीफ (Mo. Shahid sharif) ने शिक्षा उपसंचालक (Education Deputy Director) से शिकायत कर आरटीई अंतर्गत प्रवेश दिए गए सभी विद्यार्थियों के जाति तथा आय प्रमाण पत्रों की सक्षम प्राधिकरण से पड़ताल करने की मांग की थी. उपसंचालक कार्यालय से शिकायत का संज्ञान लेकर जिला शिक्षणाधिकारी को आदेश जारी किए. कोरोना संक्रमण के चलते कार्योलयों में सीमित कर्मचारियों की उपस्थिति का बहाना बनाकर उपसंचालक कार्यालय के आदेश को नजरंअदाज किया है.

उपसंचलक कार्यालय ने अब सीधे गट शिक्षणाधिकारियो को पत्र भेजकर स्कूलों से आदेश पर अमल कराने व् फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर दिए गए प्रवेश रद्द कर रिपोर्ट तालाब करने के आदेश दिए है. पंचायत समिति स्तर पर गट शिक्षणाधिकारियो को आदेश जारी किए जाने से फर्जी प्रमाण पत्र पर प्रवेश लेनेवालों की हालत खराब हो चुकी है.