
मुंबई : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को महाराष्ट्र में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि “भारतीय जनता पार्टी किसी बैसाखी पर नहीं चलती, बल्कि अपनी ताकत पर चलती है।” शाह ने कार्यकर्ताओं को चुनौती दी कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में विपक्ष को इस तरह परास्त करें कि “वे दूरबीन से भी दिखाई न दें।”
उनके इस बयान के तुरंत बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि “दोस्त बैसाखी नहीं होते।”
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर फडणवीस ने स्पष्ट किया, “जो लोग अमित शाह जी के बयान का गलत अर्थ निकाल रहे हैं, वे ‘बैसाखी’ शब्द का मतलब नहीं समझते। हमारे सहयोगी दल हमारे मित्र हैं, बैसाखी नहीं।”
फडणवीस वर्तमान में तीन दलों — एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार गुट की एनसीपी — के साथ गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।
इससे पहले मुंबई के चर्चगेट स्टेशन के पास महाराष्ट्र बीजेपी के नए कार्यालय के शिलान्यास समारोह में अमित शाह ने कहा कि देश में “परिवारवादी राजनीति अब नहीं चलेगी, बल्कि प्रदर्शन और कार्यकुशलता की राजनीति ही देश को आगे ले जाएगी।”
शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा, “मोदी जी इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। एक चाय बेचने वाले के घर जन्मे व्यक्ति ने अपने परिश्रम, त्याग और समर्पण से देश के प्रधानमंत्री तक का सफर तय किया।”
उन्होंने ‘डबल इंजन’ सरकार की बात करते हुए कहा कि बीजेपी को राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर ही नहीं, बल्कि स्थानीय निकाय चुनावों में भी विजय सुनिश्चित करनी है। “कार्यकर्ता इतनी मेहनत करें कि विपक्ष का नामो-निशान मिट जाए,” शाह ने कहा।
शाह ने कहा कि बीजेपी महाराष्ट्र में किसी बैसाखी पर नहीं, बल्कि अपनी खुद की ताकत और विचारधारा पर चलती है। उन्होंने जोड़ा, “जो पार्टी अपने अंदर लोकतंत्र को कायम नहीं रख सकती, वह देश के लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकती। यह संदेश सभी वंशवादी पार्टियों के लिए है।”
उन्होंने कहा कि बीजेपी के लिए पार्टी कार्यालय एक मंदिर की तरह है — यहीं से विचार, नीतियाँ और प्रशिक्षण शुरू होते हैं।
शाह ने जनसंघ से लेकर आज तक बीजेपी की विचारधारा-आधारित राजनीति और जनता के कल्याण को इसकी पहचान बताया।
“1980 में बीजेपी की स्थापना के बाद से पार्टी ने 18 साल तक देश का नेतृत्व किया है, और यह गर्व की बात है,” शाह ने कहा। उन्होंने कहा कि पार्टी की सफलता समर्पित कार्यकर्ताओं की मेहनत और बलिदान का परिणाम है — “इन्हीं के लगाए बीज आज वटवृक्ष बन चुके हैं।”
उन्होंने बताया कि बीजेपी में मेहनती और प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं के लिए अवसर खुले हैं। “मैं स्वयं बूथ अध्यक्ष से राष्ट्रीय अध्यक्ष तक पहुँचा, और मोदी जी जैसे गरीब परिवार से आने वाले नेता तीन बार देश का नेतृत्व कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
शाह ने मुंबई में बन रहे नए बीजेपी भवन की जानकारी भी दी — यह 55,000 वर्गफीट में फैला होगा, जिसमें पुस्तकालय, बैठक कक्ष, 400 सीटों वाला सभागार और राज्य अध्यक्ष व मुख्यमंत्री के कार्यालय होंगे।
उन्होंने मुस्कराते हुए कहा, “मुख्यमंत्री जी को याद रखना चाहिए कि वे इस पद पर पार्टी की वजह से हैं।”
शाह ने मजाकिया लहजे में जोड़ा कि “मैंने फडणवीस जी से कहा है कि यहाँ तीन-चार कमरे मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के ठहरने के लिए भी होने चाहिए।”
शाह ने याद दिलाया कि 2014 में जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना के साथ सीट बँटवारे को लेकर मतभेद हुआ, तब बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़ा और सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
उन्होंने कहा, “पहले हम राज्य की राजनीति में चौथे स्थान पर थे, आज नंबर वन हैं।”
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पार्टी की सभी वैचारिक प्रतिज्ञाएँ पूरी की हैं — अनुच्छेद 370 का हटाना, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, सीएए, तीन तलाक समाप्त करना और कुछ राज्यों में समान नागरिक संहिता लागू करना।
“अब हमारा लक्ष्य है ‘विकसित भारत 2047’,” शाह ने कहा।
उन्होंने कहा कि बीजेपी का कर्तव्य है कि वह सिद्धांत आधारित राजनीति करे और देश के भविष्य के लिए दिशा तय करे।
पहाalgam आतंकी हमले का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव के ज़रिए हमने यह दिखा दिया कि भारत की सेना और सीमाओं से कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता।”
इस तरह अमित शाह के बयान के बाद फडणवीस का जवाब यह स्पष्ट संकेत देता है कि बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ साझेदारी बनाए रखते हुए भी अपनी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान को रेखांकित करना चाहती है।








