Published On : Tue, May 25th, 2021

महानिर्मिती कोराडी बिजली केन्द्र मे श्रमिक शोषण?

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– श्रमिक कल्याण अधिकारी की मनमानी

नागपुर- महानिर्मिती के कोराडी की विधुत परियोजना में ठेका श्रमिकों का शोषण बदस्तूर जारी है। नैशनल ट्रेड यूनियन के नागपुर जिला महासचिव भीमराव बाजनघाटे द्वारा तत्सबंध मे अनेक मर्तबा लिखित शिकायतों का ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा है बावजूद भी सबंधित ठेका फर्मों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करने की वजाय शिकायतों को फाइलों में कैद कर दिया गया।

श्रमिक नेता श्री बाजनघाटे के अनुसार सैक्शन इंजिनियर द्वारा तत्सबंध मे आवश्यक कार्यवाही के लिए शिकायतों की फ़ाईल श्रमिक कल्याण अधिकारी कार्यालय में भेजा गया।परंतु कोरोना महामारी एवं लाकडाऊन के नाम पर शिकायतों की फाइलें अलमारियों में कैद कर दिया गया है।यूनियन के अनुसार इस बिजली केन्द्र के कोल हैन्डलिंग प्लांट मे वैटरी सुव्यवस्था-रखरखाव तथा लिफ्ट आपरेटिंग सुव्यवस्था के कार्यों में कार्यरत ठेका श्रमिकों को न्युनतम वेतन के अन्य भत्ता के लाभ से वंचित रखा गया है। उसी प्रकार सी एच पी प्लांट में कार्यरत ठेका श्रमिकों को लोडिंग भत्ता के लाभ से वंचित रखा गया है। यूनियन नेता ने आगे बताया कि श्रमिक कल्याण अधिकारी चाहे तो मामलों का अवलोकन व अध्ययन के पश्चात दोषी फर्म का भुगतान रोकने के लिए प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष भेजा जा सकता है तथा सबंधिक फर्म के बिलों से कटौती करके अन्यायग्रस्त श्रमिकों को भुगतान किया जा सकता है।

परंतु यहां बिजली केन्द्र के श्रमिक कल्याण अधिकारी कार्यालय द्वारा औधोगिक विवाद अधिनियमों का खुल्लम-खुल्ला उलंघन होना चिंता का विषय है। महानिर्मिती संयुक्त श्रमिक संगठन के प्रमुख विजय पाटील ने संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंप कर ध्यानाकर्षित किया है कि अधिकारी श्रमिक समस्याओं पर ध्यान दें।

श्रमिक संगठनों मे व्याप्त चर्चाओं के मुताबिक असल मे श्रमिक कल्याण अधिकारी कार्यालय ठेका श्रमिक कानून से अनभिज्ञ है।नतीजतन वह दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करने मे दिलचस्पी नहीं है।महानिर्मिती प्रशासन से मांग की जाती है कि बिजली केन्द्रों के समस्त कामगार कल्याण अधिकारियों को औधोगिक विवाद अधिनियम,ठेका श्रमिक अधिनियम,ईएसआईसी ऐक्ट यथा भविष्य निधि अधिनियमों का प्रशिक्षण दिया जाए।अन्यथा पिछडावर्ग,दलित-पीडित,आदिवासी तथा जनसामान्य गरीब श्रमिक अपने हक अधिकार और न्याय से वंचित रह जाएगा।

क्या कहते हैं अधिकारी

इस सबंध में कोल हैंडलिंग प्लांट के इंचार्ज कार्यपालन अभियंता पंजाबी के अनुसार श्रमिक यूनियनों की शिकायतों की फाइलें जांच पड़ताल के लिए श्रमिक कल्याण अधिकारी कार्यालय में भेजा जाता है।शैक्शन इंचार्ज का कार्य है बिजली उत्पादन के लिए प्लांट को सही सलामत रखरखाव व कार्यनवयन करना न कि श्रमिकों की समस्याओं के तरफ अपनी ऊर्जा खराब करना? उधर श्रमिक कल्याण अधिकारी श्रीमती रामटेके साहिबा से संपर्क किया तो उन्होंने फोन नही उठाया नहीँ तथा इस सबंध में कोई प्रतिक्रिया नही दी।उधर सीएचपी प्लांट मे टेक्टरों मे मटीरियल लोडिंग-ठेकेदार एम.एफ.जैन से भी संपर्क किया गया तो उन्होंने भी फोन उठाया नही और तत्सबंध मे कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। बताते है कि श्रमिक कल्याण अधिकारी की निष्क्रियता के चलते यहां ठेकेदारों की मनमानी शुरु है। हालांकि दिखावा के लिए ये हरामखोर और बेईमान ठेकेदार अपने को बडा समाज-सेवा भावी और हरि भक्त नारायणाय होने की नौटंकी बहुत करते हैं।उधर आल इंडिया सोशल आर्गेनाइजेशन ने मुख्यमंत्री,श्रम मंत्री तथा उधोगपतिऔर मंत्रालय से मांग की है कि ऐसे श्रमिक शोषणकारी ठेकेदारों को ब्लैकलिष्ट कर उनकी चल व अचल संपत्ति जब्त की जाये।