Published On : Thu, Nov 6th, 2014

उमरखेड़ के अधिकारी मस्त, जनप्रतिनिधि सुस्त

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किसानों में हाहाकार, सिंचाई का घोर आभाव 0 विकास कार्य ठप

उमरखेड़ (यवतमाल)। पिछले दो वर्षो से सूखे व ओले के दुष्प्रभाव पड़ने से किसान विभिन्न समस्याओं से घिर गए हैं. इस पर सरकार व जनप्रतिनिधियों की घोर उपेक्षा से अकाल जैसी स्थिति निर्माण हो गई है. तालुका के सरकारी अफसर चुनाव के काम निपटाने व दीपावली की छुटियाँ मनाने में ही मशगूल नज़र आ रहे हैं. इधर किसानों की अकाल जैसी हालातों की सुध लेने की किसी को फुरसत नहीं है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, उमरखेड़ विस क्षेत्र में सिंचाई का बड़े पैमाने पर अनुशेष होने से अकाल जैसी स्थिति निर्माण हो गई है. वहीं प्रकल्प में पानी आपूर्ति महज़ खानापूर्ति है. अपर पेनगंगा के विभागीय कार्यालय हदगांव में स्थानांतरित किये जाने के बाद भी जनप्रतिनिधियों ने कोई आवाज़ नहीं उठाई. इससे किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर सामान्य अस्पतालों को छोटे अस्पतालों में तब्दील कर दिया गया. लोकसंख्या के अनुसार यहाँ उपजिला अस्पताल की आवश्यकता है. इसकी कई वर्षो से की जा रही माँग अब भी लंबित पड़ी है. नए प्रतिनिधियों द्वारा इसको सरकार के समक्ष पेश करने की सख्त आवश्यकता है. यहाँ पंचायत समिति, पशु वैद्यकीय विभाग,  विभाग, नगर परिषद,  विभाग, अपर पैनगंगा सिंचन विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग यहाँ होने के बावजूद अधिकृत अधिकारी नहीं हैं और कोई जवाबदारी लेना नहीं चाहता है न ही सरकार इस दिशा में कोई कदम उठा रही है. अब जन प्रतिनिधियों को उपरोक्त सभी समस्याओं को सख्ती के साथ सरकार के समक्ष रखने की आवश्यकता वर्तमान परिस्थिति के मद्देनज़र जरूरी हो गया है. अब देखना यह है कि उमरखेड़ के किसानों व आम जनता की परेशानियां कम करने कौन रहनुमा बन सामने आएगा?

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