नागपुर: शहर को स्मार्ट सिटी का अमली जामा पहनाने में लगी मेट्रो परियोजना इन दिनों अजीबो गरीब स्थिति से गुजर रही है. परियोजना का उद्घाटन होना अभी बाकी है, लेकिन इसके पिल्लरों को जहां शानदान पेंट चढ़ा कर लुभावना बनाया जा रहा है, वहीं इसे खर्रानशीन अपने पीक के रंग में रंगने तुले हुए हैं. सीधी भाषा में कहें तो खर्रे के पीक से इन नए पिल्लरों की शोभा बिगाड़ने पर उतारू हैं.
जहां खर्रानशीनों की कलाकारी नहीं चल सकी वहां अवैध रूप से विज्ञापन करनेवाले पोस्टर इनकी दीवारों को और भद्दा बनाते जा रहे हैं. हालांकि इसकी रोकथाम के लिए मनपा की ओर से ऐसा करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 151 वार्डों में पूर्व सैनिकों के एक दल का गठन भी किया गया
था. लेकिन मेट्रो के पिल्लरों के दीवारों को देखकर इस दल की सक्रीयता पर सवालिया निशान लग
जाता है.
बता दें कि सार्वजनिक जगहों पर थूंकने से सेहत से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं सुंदर और साफ परिसर भी गंदा और भद्दा लगने लगता है. सार्वजनिक स्थलों और इमारतों के हाल तो इनकी वजह से और भी बदहाल हो चले हैं. ऐसे हालात में प्रशासन से यह उम्मीद
लगाई जा रही है कि खर्रा खानेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि उन्हें इन सार्वजनिक स्थलों की छवी बिगाड़ने की हिम्मत न हो सके.
इन सब के बाद भी अगर पान गुटखा खर्रेनशीनों से आदत नहीं छूटती को ऐसे लोगों के लिए शहर के एक भाई बहन के जोड़े ने आधुनिक पीकदानी भी तैयार किया है. यह पीकदानी पॉकेट में रखने में सहज है. बावजूद इसके अगर कोई सार्वजनिक स्थलों को गंदा करना नहीं बंद करता और
पीक उड़ाता दिखाई देता है तो मनपा ने ऐसे खर्रानशीनों की फोटो खींच शिकायत करने की अपील की है.