नागपुर: श्रीराम इस एक शब्द में संपूर्ण सृष्टि समाई हुई है। आप निराकार ब्रह्म के उपासक हों या फिर दशरथ पुत्र के। राम नाम एक अग्नि के रूप में सभी पापों को जलाकर भस्म कर देता है। कलिकाल में यह एक छोटा सा शब्द समस्त पापों को समाप्त करने वाला है। रा शब्द अग्नि का स्वरूप है । रा शब्द यह हमारे दुष्कर्मों का दाह करने वाला है। वहीं म शब्द जल तत्व का प्रतीक है। जल आत्मा की जीवात्मा पर विजय का कारक है।
इस प्रकार पूरे तारक मंत्र श्री राम जय राम जय जय राम का अर्थ है शक्ति से परमात्मा पर विजय। उक्त आशय के उद्गार अखंड भारत विचार मंच की ओर से आयोजित संगीतमय श्री राम कथा में चित्रकूट धाम निवासी राजन महाराज ने व्यक्त किए। श्री राम कथा मानकापुर के प्राचीन शिव मंदिर में की जा रही है।
कथावाचक ने आगे कहा कि अध्यात्म विज्ञान में माना गया है कि जब व्यक्ति रा शब्द का उच्चारण करता है तो इसके साथ साथ उसके आंतरिक पाप बाहर आ जाने के कारण उसका अंत:करण निष्पाप हो जाता है। राम का नाम गम, फिक्र तथा चिंता को चकनाचूर कर देता है।
जो जन दुख, घोर संकट आने पर भी राम का नाम जपते हैं उनके भयंकर संकट जाप के प्रभाव से मिट जाते हैं और मनुष्य सुखी हो जाता है।
व्यासपीठ का पूजन यजमान मनोज कुमार सिंह, माधव दास महाराज,सूरदास शुक्ला महाराज, सुनील मित्रा, अनिरुद्ध पालकर, प्रवीण दटके, हेमंत मिटकर, केदारनाथ पांडे, अश्विनी जिचकार, दतु थेटे ने किया।
कथा का समय दोपहर 3:00 से शाम 7:00 बजे तक रखा गया है। सभी से मास्क लगाकर आने का अनुरोध किया गया है।