
नागपुर: नागपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट-4 ने एक बड़े धोखाधड़ी सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह बिज़नेस पार्टनरशिप और ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर युवाओं को झांसे में लेकर उनके दस्तावेज़ों और बैंक खातों का इस्तेमाल अवैध ऑनलाइन लेनदेन, गेमिंग, सट्टेबाज़ी और हवाला गतिविधियों के लिए करता था। पुलिस ने कार्रवाई में 52.99 लाख रुपए की बैंक राशि फ्रीज़ कर दी है और एक BMW कार (DL-1CT-7949) जब्त की है।
जांच की शुरुआत दीपक घनश्याम गैधाने (28), निवासी नागराज चौक, सिविल लाइन्स, गोंदिया की शिकायत से हुई। दीपक नौकरी की तलाश में था और एक परिचित के माध्यम से उसकी पहचान सुमित राजेश पाटले (23) से हुई, जो नवargaon, गोंदिया का रहने वाला है और पिछले पांच महीनों से नागपुर में रह रहा था। सुमित ने दीपक को नौकरी दिलाने का वादा किया और 10 अक्टूबर 2025 को दोनों की मुलाकात सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन पर हुई। वहां एक अन्य आरोपी रोहित राजेश आहिर (32), निवासी राणा प्रताप नगर, नागपुर, भी मौजूद था।
रोहित ने दीपक के रहने की व्यवस्था की और उसे अन्य साथियों — वैभव बघेल, स्वप्निल शेंडे, प्रतीक उर्फ कुनाल शेंडे, रोहित कांबले, सोहेल खान, आनंद उर्फ अमित विश्वकर्मा, अभिषेक सिंह और अश्विन — से मिलवाया। इन सभी ने दीपक को “लाभदायक बिजनेस पार्टनरशिप” का लालच दिया और उसके आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित दस्तावेज़ लेकर बैंक ऑफ बड़ौदा (हिंगणा शाखा) में खाता खुलवाया। उन्होंने दीपक के नाम से “दीपक एंटरप्राइजेज (मशीनरी टूल्स इक्विपमेंट परचेस एंड सेल)” नामक फर्जी फर्म भी पंजीकृत कराई, जिसका पता न्यू इंदोरा, हावरे कॉलोनी, ललित कालावती भवन के पास दिया गया।
दीपक को इस बात का पता नहीं था कि उसके नाम से खोले गए खाते से ऑनलाइन गेमिंग, सट्टेबाज़ी, हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अवैध लेनदेन किए जा रहे हैं। जब उसने बैंक रिकॉर्ड जांचा तो सामने आया कि 13 अक्टूबर से 27 अक्टूबर 2025 के बीच उसके खाते से 1.73 करोड़ रुपए से अधिक के लेनदेन UPI, RTGS, IMPS और हवाला के माध्यम से किए गए थे — और यह सब उसकी जानकारी के बिना हुआ था।
धोखाधड़ी का एहसास होने पर दीपक ने राणा प्रताप नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। अपराध शाखा यूनिट-4 ने पीआई कमलाकर गड्डीमे, पीएसआई सचिन माटे और पीएसआई नवीनाथ देवकाटे के नेतृत्व में कार्रवाई शुरू की। 29 अक्टूबर 2025 को पुलिस ने सुमित पाटले और वैभव बघेल को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने छह और युवाओं को इसी तरह फंसाने की बात कबूल की।
इसके बाद नागपुर, अमरावती, नासिक, पुणे, मध्य प्रदेश और ओडिशा में छापेमारी कर पुलिस ने कुल 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें वैभव बघेल, सुमित पाटले, रोहित कांबले, सोहेल खान, अश्विन भार्गव, अनिलकुमार दास, सुषांत राऊत, श्रेयस मस्के, पंकज टेटे, शेख मयदुल, अज़हर शेख, पंकज विश्वकर्मा, अक्षय काजडे, अभिषेक गुप्ता, दीपक विश्वकर्मा, विजय नारोटे, सुरजीतसिंह बेदी, सागर बगड़े, चंद्रकांत शिरोले, राहुल जुनी, देवेश वज़ीर, अमर वाघोले और आशीष बेसडिया शामिल हैं।
पुलिस ने छापेमारी में 17.47 लाख रुपए का माल जब्त किया है, जिसमें 8 फर्जी कंपनी सर्टिफिकेट, 8 स्मॉल-स्केल इंडस्ट्री रजिस्ट्रेशन, 9 रेंट एग्रीमेंट, नकली रबर स्टांप, बैनर, 58 चेकबुक, आधार-पैन कार्ड, 50 सिम कार्ड, 38 मोबाइल फोन और BMW कार शामिल है।
राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) से मिली जानकारी में 82 और शिकायतें इस नेटवर्क से जुड़ी मिली हैं, जिनमें से 13 महाराष्ट्र की हैं और 6 में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।
यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंगल, संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन चंद्र रेड्डी, अपर आयुक्त (क्राइम) वसंत पर्देसी, डीसीपी (डिटेक्शन) राहुल मकनिकार और एसीपी (क्राइम ब्रांच) अभिजीत पाटिल के मार्गदर्शन में की गई।
पुलिस को संदेह है कि यह गिरोह देशभर में फैला हुआ है और इसके तार संगठित साइबर व हवाला नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं।










