Published On : Wed, Apr 11th, 2018

एम्प्रेस मॉल : तीनों मृतकों के परिजनों को मिलेंगा १२.५-१२.५ लाख

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नागपुर: शहर के उपमहापौर दीपराज पार्डीकर के अनुसार एम्प्रेस मॉल परिसर में गत दिनों घटी घटना में ३ मजदूरों की मृत्यु हो गई. इन मृतक परिवार को एम्प्रेस मॉल रेसीडेंसी के प्रबंधन और मुख्यमंत्री सह केंद्रीय मंत्री ने संयुक्त रूप से प्रत्येक मृतक परिवार को १२.५ – १२.५ लाख रूपए की मदद की घोषणा की,जिसमें भाजपाई नेताओं ने अहम् भूमिका निभाई।

पार्डीकर ने बताया कि एम्प्रेस मॉल की घटना के बाद तीनों मृतकों का पोस्टमार्टम करवाया गया.इन मृतकों के परिजनों को न्याय दिलवाने हेतु उग्र समर्थकों ने तीनों मृतकों के शव को लेकर एम्प्रेस मॉल में मदद व न्याय दिलवाने हेतु आंदोलन किया।घटना की गंभीरता को देखते हुए मृतकों के परिजनों का साथ दे रहे पार्डीकर के साथ मध्य नागपुर के विधायक विकास कुंभारे व पूर्व महापौर प्रवीण दटके ने उक्त घटना की जानकारी मुख्यमंत्री,शहर के सांसद व केंद्रीय मंत्री सहित एम्प्रेस मॉल रेसीडेंसी के प्रबंधन को देकर मदद की गुहार लगाई।

उक्त नेताओं की पहल पर एम्प्रेस मॉल रेसीडेंसी के प्रबंधन ने साढ़े ८ लाख रूपए प्रत्येक मृतक के परिजनों को देने का ठोस आश्वासन दिया।तत्काल तीनों के परिजनों को ५०-५० हज़ार रूपए नगदी देकर और जल्द से जल्द शेष ८ लाख रूपए का आश्वासन दिया।तब जाके मामला शांत हुआ।

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उपमहापौर पार्डीकर ने जानकारी दी कि उक्त मृतकों में से बारापात्रे और गारोडी उनके प्रभाग के नागरिक थे.सोमवार ९ अप्रैल को एम्प्रेस मॉल रेसीडेंसी के प्रबंधन ने तीनों मृतकों के परिजनों को साढ़े ६ -साढ़े ६ लाख रूपए का डिमांड ड्राफ्ट दिए.सप्ताह भर के अंदर शेष १.५ -१.५ लाख रूपए देने का आश्वासन दिया।

इतना ही नहीं केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मृतकों के परिजनों को २-२ लाख और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी मुख्यमंत्री सहायता निधि से २-२ लाख रूपए देने की घोषणा की.

जबरदस्ती भेजा मेरे पति को:- सुगतनगर निवासी दीपक महादेवराव गवते (४५) एम्प्रेस सिटी में पानी छोड़ने आदि प्लंबिंग का काम करते थे. दीपक की पत्नी अर्चना ने बताया कि ७-८ वर्षों से दीपक यहीं काम कर रहे थे. पम्प निकालने के लिए कुएं के भीतर इलेक्ट्रिशियन को भेजना चाहिए था, जबकि मैनेजर और सुपरवाइजर ने दीपक को भेजा. यहां काम करने वाली महिलाओं ने उन्हें बताया कि दीपक ने जाने से मना भी किया था, लेकिन दबाव डाला गया. बेटा पलाश 8वीं कक्षा में पढ़ता है और बेटी निधि १०वीं कक्षा में गई है. उसकी ट्यूशन लगाने के लिए दीपक दिन-रात मेहनत करते थे. उन्हें जानबूझकर मौत के मुंह में ढकेला गया.

नहीं दे रहे थे तनख्वाह:- नाईक तालाब, बंगलादेश निवासी चंद्रशेखर जागोबा बारापात्रे (४३) की पत्नी रंजना ने बताया कि पिछले ७-८ महीनों से पति मॉल में दीपक के साथ हेल्पर का काम करते थे. जो काम उन्हें दिया जाता था वो कर लेते थे. प्रबंधन ने २ माह से उन्हें तनख्वाह भी नहीं दी थी. पैसे मिल जाएंगे सोचकर वो काम कर रहे थे. चंद्रशेखर का बेटा आदर्श 10वीं कक्षा में पढ़ता है. बेटी पायल 9वीं कक्षा में है. उसकी परीक्षा चल रही है.

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