Published On : Wed, Oct 25th, 2017

पदोन्नति के बाद मनचाहे विभाग में तैनात हैं कर्मचारी

Advertisement


नागपुर: विगत दिनों मनपा की ‘डीपीसी’ की बैठक हुई. इस बैठक में वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत कर्मियों को पदोन्नति दी गई. कुछ को पदोन्नति के साथ उनका अन्य विभागों में तबादला किया गया, लेकिन वे कर्मी आज तक सत्तापक्ष का सिर पर हाथ होने से गैरकानूनी रूप से अपने मनचाहे विभाग में कुंडली मार कर बैठे हैं.

‘डीपीसी’ में जिन-जिन की पदोन्नत्ति हुई, उनमें से अधिकांश के वेतन में बढ़ोत्तरी नहीं हुई. फिर भी उन्हें यह राहत मिली की उनका कद बढ़ गया. कोई पानी पिला रहा था, वह बाबू बन गया. किसी ने ऐसे कर्मियों को उनके पदोन्नति के बाद नए विभाग में तैनाती का मार्ग खुला रखा तो कुछ विभाग प्रमुख पदोन्नति के बाद भी मुक्त नहीं कर रहे. यहां तक कि उनके पदोन्नति के बाद भी पूर्व की जिम्मेदारी का वहन करने पर मजबूर कर रखा है.

जो कर्मी वर्षों से अधिकारी-कर्मियों की फटकार-तिरस्कार से त्रस्त हो चुके थे, उन्हें पदोन्नति के साथ तबादला मिलने से नई ऊर्जा मिली और जो पद से कनिष्ठ और सत्तापक्ष के प्रभाव से स्थाई समिति अध्यक्ष के ऊपर बैठ सिर चढ़ कर वरिष्ठ दिग्गज अधिकारी, पदाधिकारी, स्थाई समिति सदस्यों और स्थाई समिति के लाभार्थी ठेकेदारों पर वर्षों राज किए उनका भी ‘डीपीसी’ में प्रशासन ने पदोन्नत किया, साथ ही तबादला भी किया गया.

Gold Rate
26 July 2025
Gold 24 KT 98,300 /-
Gold 22 KT 91,400 /-
Silver/Kg 1,13,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

वे पहले तकनिकी सहायक थे और पदोन्नत के बाद कनिष्ठ अभियंता बनाये गए. कागजों पर पदोन्नत और वैसे ‘डिमोशन’ पर अंकुश लगते हुए नगर रचना विभाग में ज्वाइन नहीं किया। कल तक निर्देश देने वाले को निर्देश सुनना पड़े, इस ग्लानि से बचने के लिए पदोन्नति के बाद नगर रचना विभाग से वेतन और काम स्थाई समिति में करने हेतु चौतरफा दबाव बनाए हुए है. संभव है, क्योंकि सत्तापक्ष के दिग्गज नेता का करीबी होने से सत्तापक्ष प्रशासन को उक्त कर्मियों के लिए कड़क निर्देश दे सकती है. अगर ऐसा हुआ और उक्त कर्मी स्थाई समिति में बना रहा तो मनपा प्रशासन को सत्तापक्ष के समक्ष बौना होना कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.

Advertisement
Advertisement