आर्किटेक्ट एकनाथ निमगड़े हत्याकांड को आज लगभग 6 वर्ष हो गए है मगर अबतक इस हत्याकांड के मास्टरमाइंड को खोजने में नागपुर शहर पुलिस नाकाम दिखाई दे रही है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवाब उर्फ छोटे साहब अशरफी उर्फ नुब्बू परवेज, इस सनसनीखेज निमगड़े हत्याकांड को अंजाम देनेवाले प्रमुख शूटरों में से एक है, जिसने 6 सितंबर, 2016 को अग्रसेन चौक पेट्रोल पंप, गाँधीबाग के पास वाकिंग से अपने घर जा रहे बुजुर्ग एकनाथ निमगड़े को सरेआम गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी ।
आज भी इस गोलीकांड में कई आरोपियों के लिप्त होने की बात सामने आ रही है साथ ही इस सुनियोजित हत्याकांड की सुपारी देनेवाला आज भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर बताया जा रहा है ।
नागपुर टुडे को मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार इस घृणित हत्याकांड में गिरफ्तार कुख्यात अपराधी नब्बू ने बड़े शातिराना तरीक़े से पुलिस को गुमराह कर झूठी जानकारी देकर जांच को अलग ही दिशा में मोड़ दिया था जबकि सीबीआई के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार मामला पूरीतरह से ‘सुपारी किलिंग’ यानी (कॉन्ट्रेक्ट किलिंग) का था।
मार्च 2021 में नागपुर पुलिस ने 70 वर्षीय आर्किटेक्ट एकनाथ निमगड़े की हत्या के मामले को सुलझाने का पुरजोर दावा किया था । दूसरी तरफ नाम न छापने की शर्त पर सीबीआई के वरिष्ठ सूत्रों ने नागपुर टुडे को बताया कि प्रथम दृष्टया, सीबीआई ने पाया है कि शातिर नुब्बू ने नागपुर पुलिस को गुमराह कर इस मामले की जांच को गलत दिशा में मोड़ दिया था ।
पुलिस महकमे में चर्चा हैं कि नब्बू से मिली झूठी और गलत जानकारी के दम पर पुलिस आयुक्त (सीपी) अमितेश कुमार ने हत्या के मामले में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की अनेक जगहों पर दबिश देकर कुख्यात अपराधी रंजीत सफेलकर, शरद उर्फ कालू हाटे सहित 15 खूंखार अपराधियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की और दावा किया था कि इन कुख्यात अपराधियो द्वारा ही इस हत्याकांड को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया ।
इस मामले की तफ्तीश कर रही नागपुर पुलिस को मिली खुपिया जानकारी के अनुसार रणजीत सफेलकर और कालू हाटे इनदोनो ने ही हमलावरों को 5 करोड़ रुपये की ‘सुपारी’ देने का वादा किया था । इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद चर्चा हैं कि अपराधी नब्बू, मोहसिन अंसारी बदरुद्दीन अंसारी उर्फ राजा पीओपी, छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश साथ ही परवेज नामक अपराधी, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश को 1 करोड़ 75 लाख रुपये दिये गए थे !
विश्वसनीय सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार, कालू हाटे ने कुछ समय पूर्व आपसी विवाद के चलते अपने साथी नुब्बू की जमकर पिटाई की थी, जिससे नाराज होकर उसने नागपुर पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के दौरान हत्या में कालू हाटे और रंजीत सफेलकर को जानबूझकर “फंसाया” था। देखा जाए तो इस घृणित गोलीकांड के पीछे किसी नामी-गिरामी कद्दावर व्यक्ति का (मास्टरमाइंड) हाथ बताया जा रहा है जिसके गिरेबान तक पहुचने के लिए अब सीबीआई को इसमे शामिल सभी शातिर आरोपीयो का नार्को टेस्ट करवाना बेहद जरूरी हो गया है चर्चा यह भी है कि सीबीआई ने कुछ अहम सबूत जुटाने में काफी समय लगाया है और आनेवाले कुछ ही समय में कुछ चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।
गौरतलब है कि सीबीआई ने सोमवार को निमगड़े हत्याकांड में शूटर मोहसिन अंसारी बदरुद्दीन अंसारी उर्फ राजा पीओपी को गिरफ्तार किया था. राजा पीओपी को प्रोडक्शन वारंट पर मध्य प्रदेश की नरसिंहपुर जेल से गिरफ्तार किया गया था।
सीबीआई अधिकारियों ने राजा पीओपी को विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष पेश किया और उनकी पुलिस कस्टडी रिमांड हासिल की हैं । उसे जनवरी 2021 में भी नागपुर में गिरफ्तार किया था। इससे पहले शहर की तहसील पुलिस क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर इस मामले की जांच कर रही थी। निमगड़े के बेटे, एडवोकेट अनुपम ने हत्या की जांच के लिए शहर पुलिस के ढुलमुल रवैये और गलत दिशा में की गई जांच का हवाला देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था। उच्च न्यायालय ने नवंबर 2016 में इस मामले को जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दिया था।
– रविकांत कांबले