Published On : Sat, Apr 11th, 2015

अमरावती : फसल के आधार पर होंगे प्रक्रिया केंद्र

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सीएम फडणवीस ने की वैल्यू चैन की घोषणा

Eight new textile units in Vidarbha soon, declares CM Fadnavis (5)
अमरावती। किसान आत्महत्याओं से विदर्भ बदनाम हो गया है. अब यह किसान आत्महत्याएं सरकार के लिए एक चुनौती बन गई है. किसानों की इस दशा के कारण सत्तासीन नेताओं को यदि रात में नींद आ रही है तो वे राज्य में शासन करने के योज्य नहीं है. पिछली सरकार ने पैकेज और कर्ज मुक्ति तो दे दी, लेकिन किसान आत्महत्या के मूल कारण का हल निकालने कुछ नहीं किया. असिंचित क्षेत्रों का मर्म जानते हुये अब किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने हम कटबिध्द है. सीएम ने कृषि विकास प्रतिष्ठान के संयोजक सौमेश्वर पुसतकर व गिरीश गांधी से प्रति वर्ष यह कृषि प्रदर्शनी लेने का आव्हान किया. शासन से हर तरह के सहयोग का भरोसा दिलाया.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अमरावती में किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने कटिबध्द होने की बात कहते हुये वैल्यू चैन की घोषणा की. जिसमें क्षेत्र या जिला निहाय फसल उत्पादन के आधार पर प्रक्रिया केंद्र शुरू करने की शासन की योजना है. इस सीएम ने इस नये उपक्रम के बारे में स्पष्ट किया कि मान लिया जाए कि अमरावती जिले में सोयाबीन या कपास का उत्पादन अत्यधिक होता है तो शासन सोयाबीन और कपास प्रक्रिया केंद्र शुरू कराने पर जोर देगी. ताकि किसानों को उनकी फसल के लिये मार्केट मिलेगा. अच्छे दाम मिलेंगे. वैल्यू चैन को साकार करने के लिये पणन के अतिरिक्त सचिव डा. सुधीर गोयल युध्दस्तर पर जुटे है.

Eight new textile units in Vidarbha soon, declares CM Fadnavis (1)
पैकेज खा गये नेता

सायन्सस्कोर मैदान पर शनिवार को कृषि प्रदर्शनी में कार्यशाला का उद्घाटन करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार व्दारा घोषित करोड़ों रुपये के पैकेज नेताओं ने खा लिये. यही कारण है कि किसानों की दशा आज भी करोड़ों के पैकेज मिलने के बाद भी नहीं सुधर पाई है. कृषि प्रदर्शनी की प्रशंसा कर इसकी जानकारी किसानों तक पहुंचाने का आवाहन करते हुए सवाल किया कि किसान आखिरकार कर्ज के तले क्यों दबा जा रहा है. इसका विचार किसी ने नहीं किया. किसान और भी कर्ज के तले दबता गया. इसलिए अब सरकार किसानों को इस दलदल से स्थायी तौर पर मुक्ति दिलाने के लिए प्रयासरत है. क्योंकि जब तक किसानों की खेती को पानी नहीं मिलेगा. तब तक किसानों को फायदा नहीं होगा. परिवहन मंत्री दिवाकर रावते की अध्यक्षता में पणन मंत्री चंद्रकांत पाटिल, पालकमंत्री प्रवीण पोटे, राज्यमंत्री रणजीत पाटिल, संजय राठोड़, प्रभाकरराव वैद्य, कृषि विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष गिरीश गांधी, मधुकरराव किम्मतकर, वैज्ञानिक माही, मेयर रिना नंदा, विभागीय आयुक्त ज्ञानेश्वर राजुरकर, विधायक डा. सुनील देशमुख, रवि राणा, प्रा. श्रीकांत देशपांडे, रमेश बुंदिले, पणन के अतिरिक्त सचिव डा. सुधीर गोयल, कलेक्टर किरण गित्ते, सीइओ अनिल भंडारी, निगम उपायुक्त विनायक औगड़  मंचासीन थे.

5 माह में 8 हजार करोड़
मुख्यमंत्री ने आघाड़ी सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने पांच वर्षों में 13 करोड़ रुपये खर्च किये, जबकि युति की सरकार ने केवल 5 माह में 8 हजार करोड़ रुपये खर्च कर किसानों का हमदर्द कौन है, यह साबित कर दिखाया है, किंतु अभी भी बहुत कुछ बाकी है.

  • जब खेती शाश्वत नहीं होती, लागत मूल्य कम नहीं होगा, मार्केटिंग नहीं होगा. तब तक किसान समृध्द नहीं हो सकता. शासन ने इसी बात को ध्यान में रखकर वेल्यू चेन बनाने युध्दस्तर पर काम शुरू कर दिया है. जिससे मार्केट उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही क्षेत्र निहाय उत्पादन के अनुसार प्रक्रिया केंद्र शुरु करने की योजना है.
  • अमरावती संभाग में 1 हजार तथा महाराष्ट्र 7 हजार गांवों में जलयुक्त शिवार के माध्यम से सिंचाई का अनुशेष दूर करने का प्रयास किया जा रहा है जिसके माध्यम से गांव में ही पानी की सुविधा उपलब्ध होगी. सरकार को प्रत्येक वर्ष करोडों रुपये खर्च नहीं करने पडेंगे. गत् सरकार ने केवल 7 हजार कुएं बनाये, लेकिन इस वर्ष 22 हजार कुओं का संकल्प सरकार ने लिया है.
  • विदर्भ पर लगी इस बदनामी को मिटाने के लिए राज्यसरकार ने महाराष्ट्र के 7 हजार गांवों में जलयुक्त शिवार अभियान चलाया है. इतना ही नहीं तो 7 हजार से अधिक कुओं का निर्माण कर सिंचाई का बैकलॉग दूर करने प्रत्येक किसान को कृषि पंप देने के लिए 1 हजार करोड का प्रावधान किये जाने की घोषणा की.
  • मंत्री दिवाकर रावते ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता काल में मंत्री रहने के बावजूद डा. सुनील देशमुख विदर्भ में सिंचाई अनुशेष और पानी को लेकर आक्रमक रहे. उनकी जनता के प्रति प्रामाणिकता ही आज उन्हें दूबारा विधानमंडल में ले आई है.

Eight new textile units in Vidarbha soon, declares CM Fadnavis (4)
विदर्भ में 8 टेक्सटाईल मिलें

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि विदर्भ में 8 टेक्सटाईल मिल स्थापित करेंगे. मुंबई में बंद पड़ी कपड़ा मिलों को मॉल बनाने की अनुमति देने के लिये राज्य सरकारने यह शर्त रखी है कि संबंधित मिल प्रबंधकों को विदर्भ में अपनी इकाईयां शुरु करनी अनिवार्य होंगी. वस्त्रोद्योग महामंडल (एनटीसी) ने इसके लिये रजामंदी दी है.