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नागपुर: गणेश चतुर्थी के लिए आठ दिन बाकी है ऐसे में चितारओली में मूर्तियों को बनाने के कार्य अंतिम चरण पर पहुंच गया. यहांपर डेढ़ फिट से लेकर 15 फिट तक की मूर्तियों को बनाने का कार्य चल रहा है. कही पर पीओपी की मुर्तिया बन रही है तो कही पर मिट्टी की मूर्तियों को बनाया जा रहा है. लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से बनाए गए नियमों के कारण इस बार सैकड़ो मुर्तिया नहीं बिठाई जाएगी. जिसके कारण पिछले साल की तुलना में इस साल 50 प्रतिशत की मूर्तियों की बुकिंग कम होने की जानकारी मुर्तिया बनानेवाले व्यवसायियों की ओर से दी जा रही है. इस बार पुलिस द्वारा कुछ नियम बनाए गए है. जिसमे केवल मंडल की ओर से ही गणेश मुर्तिया विराजित की जाएगी और उसके लिए भी पुलिस से परमिशन की आवश्यकता होगी साथ ही इसके डीजे को भी बंद किया गया है. इसका सीधा असर मूर्तियों की बिक्री पर हुआ है. साथ ही इसके पीओपी की मुर्तिया भी बड़े प्रमाण मे यहांपर बन रही है. हालांकि नागपुर महानगर पालिका ने पीओपी की मूर्तियों पर लाल निशान लगाना अनिवार्य किया है.
पद्मआर्ट के मालिक महावीर भांगे ने बताया की हर वर्ष गणेश चतुर्थी के आठ दिन पहले ही सारी बड़ी मूर्तियों की बुकिंग हो जाती है. लेकिन इस बार गणेशचतुर्थी में आठ दिन होने के बावजूद भी केवल 50 प्रतिशत मूर्तियों की ही बुकिंग हो पायी है. भांगे ने बताया की एक बड़ी मूर्ति बनाने के लिए करीब आठ दिन का समय लगता है.
छोटी मूर्तियां बनानेवाले मूर्तिकार राजेश चौरिया ने बताया की चितारओली के बाजार में इन दिनों (साडू ) मिट्टी के नाम से प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की मुर्तिया बेचीं जा रही है. उन्होंने बताया की सभी मूर्तिकारों को इस बार नागपुर महानगरपालिका में रजिस्ट्रेशन करना है. रजिस्ट्रेशन नहीं करने पर करीब 2 हजार रुपए का जुर्माना भरना होगा.
बड़ी मुर्तिया बनाने वाले नितिन इंगले ने बताया की पुलिस की ओर से यह भी निर्देश है की 10 से 15 से ज्यादा बड़ी मुर्तिया न बनायीं जाए. जिसके कारण भी मूर्तियों की बुकिंग में कमी आयी है.