Published On : Sat, Dec 16th, 2017

दूरदृष्टि के अभाव से रौनक बन रही कबाड़ !

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नागपुर: वर्षों से मनपा प्रांगण में जमा एवं चोरी हो रहे कबाड़ को एक शक्ल देकर शहर की रौनक बढ़ाने के लिए पूर्व मनपा आयुक्त श्रावण हर्डीकर ने अभिनव योजना बनाई थी. हर्डीकर व तत्कालीन महापौर प्रवीण दटके की संयुक्त पहल से पिछले वर्ष के दिसंबर माह के तीसरे सप्ताह में एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था.कलाकृतियों को बने एक वर्ष बीत गया लेकिन वर्तमान प्रशासन व महापौर ने उसे चौराहों पर स्थापित करने में रुचि नहीं दिखाई,आज यह कलाकृति धूल से सनी फिर कबाड़ में तब्दील होते जा रही है.

इस प्रतियोगिता में मनपा में विभिन्न जगह पड़े कबाड़ का सकारात्मक उपयोग करने के उद्देश्य से मनपा प्रशासन ने स्थानीय ४ कलाकारों के साथ लखनऊ, कोलकता, बैंगलुरु, मुंबई, बड़ोदा, हैदराबाद के कुल १४ “स्क्रेप आर्टिस्ट” ने भाग लिया, जो नागपुर पहुंच मनपा के ग्रेट नाग रोड स्थित वर्कशॉप परिसर में विभिन्न कलाकृतियों का निर्माण किया. सम्पूर्ण कबाड़ और बिजली की सुविधा के साथ सम्पूर्ण व्यवस्था मनपा प्रशासन के मार्गदर्शन में कारखाना विभाग प्रमुख राजेश गुरमुले ने की.

उक्त कलाकारों द्वारा निर्मित ठोस कलाकृति शहर में जगह-जगह स्थापित जाने की संकल्पना की गई थी, लेकिन सीमेंट सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण न होने की वजह से तैयार कलाकृतियां कारखाना विभाग की शोभा बढ़ा रही है. इसी दौरान हर्डीकर का नागपुर से पुणे तबादला हो गया, और तो और तात्कालीन महापौर दटके का कार्यकाल भी ख़त्म हो गया. मनपा में भले की भाजपा की पुनः सत्ता आ गई हो, लेकिन उक्त योजना को साकार करने में किसी की कोई रुचि नज़र नहीं आ रही है. पूर्व मनपायुक्त ने वर्तमान महापौर को गत माह हुए एक मुलाकात में चौराहों पर रौनक के लिए निर्मित कलाकृति को स्थापित करने की मांग दोहराई थी. महापौर ने वर्कशॉप में निरिक्षण के लिए चंद सेकेंड का दौरा भी किया था लेकिन उसे कबाड़ ही समझ जस का तस छोड़ कलाकृति को साकारनेवाले कलाकारों को सराहने के बजाय लगातार नज़रअंदाज किया जाना निंदनीय है.

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NMC, gathering dust in workshop (2)
कबाड़ से चौक सज्जा
मनपायुक्त हर्डीकर ने मनपा में विभिन्न जगह पड़े कबाड़ सामग्रियों का सकारात्मक उपयोग करने के उद्देश्य से मनपा प्रशासन ने स्थानीय के साथ लखनऊ, कोलकाता, बंगलुरु, मुंबई, बड़ोदा, हैदराबाद के एक दर्जन “स्क्रेप आर्टिस्ट” को आमंत्रित किया गया था. बहार से आने वाले कलाकारों को आवाजाही खर्च के साथ २५०००-२०००० मानधन दिया गया था. इन्हें जहां कबाड़ है वहीं बिजली की सुविधा के साथ सम्पूर्ण व्यवस्था उपलब्ध कराई गई थी. बाहरी कलाकारों को रहने की व्यवस्था की जिम्मेदारी नागपूर रेसिडेंशियल हॉटेल्स असोसिएशन (NRHA) ने स्वीकारी थी. यह कैंप १६ से १९ दिसम्बर तक आयोजित किया गया था. इन कलाकारों द्वारा निर्मित ठोस कलाकृतियों को शहर में जगह-जगह स्थापित किए जाने की घोषणा की थी.

NMC, gathering dust in workshop (2)

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