Published On : Mon, Dec 31st, 2018

शराबीयों पर सरकार की दोहरी मार : शराब दिन निकलने तक पिलाए भी और बाहर निकलने पर धौंसाए भी

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एक तरफ सुबह तक शराब बिक्री की छूट तो दूसरे तरफ ‘ड्रंक एन ड्राइव’ की कार्रवाई से लोग हैरान

नागपुर: न्यू ईयर पर सरकार शराबीयों को निशान पर रखकर मोटी कमाई करने में जुटी हुई है. एक ओर नए साल के तड़के सुबह तक शराब परोसने और बेचने की छूट देकर कमाई का रास्ता अपनाया है. वहीं शराब लेकर चलनेवालों या पीकर गाड़ी चलानेवालों का रास्ता रोककर बड़ी कार्रवाइयाँ कर दंड की राशि वसूल रही है. ऐसे में शराबी असमंजस में पड़ गए हैं कि शराब का लुत्फ़ उठाएँ या मजा और सज़ा दोनों के लिए तैयार रहें. कई शराबी इन दोनों से बचकर निकलने के अनोखे रास्ते भी खोज निकाल रहे हैं. इसलिए सर्वत्र चर्चा हैं कि शराब के भरोसे सरकार दौड़ रही हैं.

राज्य सरकार ने न्यू ईयर एंड के दौरान ३१ दिसंबर को शराब की दुकानों को १ जनवरी की ५ सुबह तक शुरू रखने की अनुमति दी, ताकि ज्यादा से ज्यादा राजस्व मिल सके. इस निर्णय के तहत वाइन शॉप,बार,परमिट रूम,होटल से ग्राहकों को नववर्ष के अवसर पर शराब आसानी से परोसी जाएगी. लेकिन होटल,परमिट रूम में शराब के दाम काफी महंगे रहेंगे. जिले के १०० से अधिक होटल,ढाबे आदि में एंट्री शुल्क रखी गई. जिसमें से आधे से अधिक ने मनोरंजन विभाग की अनुमति नहीं ली है. मनोरंजन विभाग भी अधिकारी-कर्मचारियों की कमी होने का हवाला देकर सम्पूर्ण जिले पर निगरानी रखने को नामुमकिन बताते आ रही है.

दूसरी तरफ शहर व जिले की पुलिस ने सम्पूर्ण जिले में लगभग १०००० से अधिक कर्मी-अधिकारी नववर्ष मनाने वालों, खासकर शराब पीकर या पीने के लिए ले जाने वालों को धर-दबोचने के लिए तैनात कर रखा है.

शहर के नागरिक व शराब के शौक़ीन या फिर शराबी चिंतित हैं कि आखिर सरकार चाहती क्या है. नववर्ष की पूर्व संध्या से लेकर नववर्ष के पहले दिन तक कड़क बंदोबस्त के साथ ३१ दिसंबर की सुबह से लेकर १ जनवरी की सुबह ५ बजे तक शराब के सभी सम्बंधित दुकान,बार,प्रतिष्ठानों को खुला रखना काफी दुविधाजनक महसूस किया जा रहा है.

सरकार शराब बिक्री के साथ उसे साथ ले जानेवालों से भी बतौर जुर्माना करोड़ों में आय बटोरना चाह रही है. ऐसे में जनता यह नहीं समझ पा रही कि सरकार तरजीह किसे दे रही है, शराब को या फिर जनता को? दोनों में से किसे तहरिज दे रही.

सरकार का तर्क है कि आय वृद्धि के लिए शराब बिक्री बढ़ाने की नितांत आवश्यकता है. लेकिन शराब पीकर वाहन चलाने पर कार्रवाई की चेतावनी भी देते हैं.

बंदोबस्त के नाम पर शराब बिक्री केंद्र के इर्द-गिर्द पुलिस
क्रिसमस के बाद से शहर भर में पुलिस बंदोबस्त के नाम पर वाइन शॉप,बार के आसपास घात लगाए दिखाई दे रही है. २-३ दिन पूर्व से शहर पुलिस ने बिना अनुमति वाले होटल,ढाबे,ठेलों से समझौता कर शराब बिक्री,बैठ पीने की अनुमति दे रखी है.

ओला,उबेर से शराबी कर रहे सफर
शराब पीकर आवाजाही करने पर पुलिस के हत्थे चढ़ने पर ३००० रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ रहा है. इसलिए ऐसे में शातिर शराबी अपने वाहनों की बजाए ओला और उबेर से आवाजाही कर रहे हैं.

उल्लेखनीय यह हैं कि शहर में नकली शराब के माफिया पिछले दिनों धरे गए.सूत्र बतलाते हैं कि शहर में ऐसे छोटे-बड़े डेढ़-दो दर्जन माफिया सक्रिय हैं.जो नकली शराब की बिक्री और मुफ्तखोरों में बाँट रहे हैं.खास ऐसे जश्न व त्योहारों पर इनकी मांग बढ़ जाती है. कुछ अधिकृत शराब बिक्रेता भी ज्यादा कमाई के चक्कर में नकली शराब बेचने की जुगत में लगे हुए हैं.