नागपुर: महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. राजू वाघमारे ने आज पत्रपरिषद में कहा कि विदर्भ में कांग्रेस पार्टी में अनुभवी और सक्षम नेता और कार्यकर्ता हैं। उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि वर्तमान में चल रहे मतभेद चुनाव से पहले मिटा लिए जाएंगे। इन मतभेदों को दूर करने के लिए स्वयं प्रदेशाध्यक्ष अशोक चव्हाण ध्यान दे रहे हैं। कांग्रेस में शुरुआत से लोकतांत्रिक वातावरण रहा है। सभी को अपनी बात रखने की स्वतंत्रता है। उन्होंने सत्ताधारी दल भाजपा में तानाशाही होने की बात की। कहा कि केंद्र में मोदी और राज्य में मुख्यमंत्री ही सभी विषयों पर बोलते व घोषणा करते हैं। एमएलसी चुनाव में एनसीपी से गठबंधन पर चर्चा जारी थी कि 3-3 सीटों पर दोनों लड़ेंगे। इसी बीच एनसीपी ने 1 नवम्बर को अपने 3 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी।इस वजह से गठबंधन टूट गया। आगामी मनपा चुनाव में एनसीपी ने सकारात्मक ढंग से गठबंधन कर चुनाव लड़ने की इच्छा दिखाई तो निश्चित ही गठबंधन हो सकता है।
नगरपरिषद के चुनाव में राज्य भर में सत्ताधारी बीजेपी को मात्र 50% सीट जितने में सफलता मिली। जबकि कांग्रेस जब तक सत्ता में रही 80% तक इसी चुनावो में सफलता हासिल की। इन चुनाव में कांग्रेस ने मराठा आरक्षण और नोट बंदी को मुद्दा नहीं बनाया यह गलती मानी जा सकती है। नोट बंदी दरअसल केंद्र सरकार से सम्बंधित मुद्दा था। नोट बंदी पर भी मोदी ने सर्वप्रथम बयान दिया फिर 4 दिन बाद केंद्रीय वित्त मंत्री और फिर 10 दिनों बाद गवर्नर उर्जित पटेल का बयान आने से साफ है कि बीजेपी में हिटलरशाही शबाब पर है। काला धन वास्तव में काला धंधे का उत्पाद है। काला धंधा बंद करने के लिए बीजेपी के पास कोई ठोस निती नहीं है।
देश के उद्योगपति पर राष्ट्रीयकृत बैंको का 8 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है।इसे वे वसूल नहीं कर सकते हैं। क्योंकि उन्होंने ही चुनावों में धन लगाकर बीजेपी को सत्ता में लाया है। इस बीच बैंको की दयनीय स्थिति सुधारने के लिए मोदी ने नोटबंदी के रास्ते आम जनता के घरों में जमा जरुरत के पैसो को इसी बहाने बैंको में जमा करने पर विवश कर दिया। इससे बैंको की आर्थिक हालत कई गुणा उन्नत हो गई। इस नोट बंदी से आतंकवाद को अंकुश लगाने में कोई सफलता नहीं मिलेगी। वे औजार डॉलर में खरीदते हैं। भारतीय मुद्रा सिर्फ नेपाल और बांग्लादेश में चलता है। नोट बंदी काला बाजारी बंद करने हेतु अंतिम उपाय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नागपुर क्राइम कैपिटल बन चुकी है। महिला अत्याचार के मामलों में नागपुर प्रथम है। मुख्यमंत्री के गृह नगर की ऐसी स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री को अपने पद से सइस्तीफा दे देना चाहिए। कम से कम पूर्ण कालीन गृहमंत्री पद की जिम्मेदारी किसी अन्य को सौंप देना चाहिए। पत्रपरिषद में नगरसेवक देवा उसरे भी उपस्थित थे।
– राजीव रंजन कुशवाहा