Published On : Sun, Aug 7th, 2016

ऊर्जामंत्री की दोहरी नीति, गलती पर मेसर्स को काली सूची में डालने का निर्देश

Advertisement

– जगदंबा कंपनी पर ५ करोड़ का वेतन बकाया
– कामठी-कोराडी-मौदा विधानसभा क्षेत्र के
– सभी कामगार

नागपुर: राज्य के ऊर्जावान ऊर्जा मंत्री इन दिनों काफी चर्चे में है,अपने मंत्रालय अंतर्गत कभी नियमानुसार गलती करने कंपनी को काली सूची में डालने का निर्देश देते है तो कभी दोषी साबित होने के बाद भी अपने भाई की कंपनी के मसले पर चुप्पी साध अपने पहुँच का रौब दिखाने से नहीं चूकते है.ऐसा ही कुछ विगत माह घटी.

हुआ यूँ कि खापरखेड़ा औष्णिक विद्युत केंद्र व कोराडी 3×660 मेगा वाट नविन विस्तारित विद्युत प्रकल्प में ठेकेदारी करने वाली कंपनी मेसर्स एम एफ जैन द्वारा पिछले ३-४ माह से ठेकेदारी कामगारों को वेतन नहीं दिया गया.यह मामला जब ऊर्जा मंत्री के समक्ष गया तो ऊर्जामंत्री ने महानिर्मिती कंपनी को आदेश दिया की,मेसर्स एम एफ जैन कंपनी को काली सूची में डाल दे व उक्त कामगारों का वेतन मुख्य अभियंता को करने का आदेश दिया।

Gold Rate
07 May 2025
Gold 24 KT 97,500/-
Gold 22 KT 90,700/-
Silver/Kg 96,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

वही दूसरी ओर ऊर्जामंत्री के भाई नंदकिशोर बावनकुले की श्री जगदंबा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने १२८ कामगारों का बकाया वेतन ५,३१,९७,५६० रूपए पिछले तीन वर्ष से नहीं दिया,इस संदर्भ में भी ऊर्जामंत्री को शिकायत मिली लेकिन कामगारों के साथ ऊर्जामंत्री ने न न्याय किया और न ही दोषी कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई करने हेतु मुख्य अभियंता,कोराडी को कोई निर्देश दिया। इस दोहरी नीति से विद्युत कामगारों,सह कामठी विधानसभा के नागरिक काफी छुब्ध है.

जब उक्त १२८ कामगारों ने कोराडी के मुख्य अभियंता से मुलाकात कर न्याय माँगा तो मुख्य अभियंता प्रत्येक मुद्दे के लिए ऊर्जामंत्री की ओर इशारा कर खुद की गिरेबां बचा लेते है.मुख्य अभियंता का साफ़ कहना है कि ऊर्जामंत्री के आदेश के बिना वे कुछ भी नहीं कर सकते है.
उल्लेखनीय यह है कि उक्त १२८ कामगारों में से कुछेक बाहरी व अधेड़ है,शेष सभी युवा और कामठी-कोराडी-मौदा विधानसभा क्षेत्र के है.इनके बकाया वेतन के भुगतान के लिए सहायक कामगार आयुक्त लोखंडे ने १२ मई २०१६ को कोराडी मुख्य अभियंता को बतौर प्रिन्सिपल एम्प्लॉयर बकाया भुगतान करने का निर्देश किया था.

तो मुख्य अभियंता ने अपना पल्ला झडक़ते हुए मुख्य ठेकेदार कंपनी एल एंड टी को निर्देश दिया,तो एल एंड टी ने अपने पेटी कांट्रेक्टर श्री जगदंबा कंस्ट्रक्शन कंपनी को निर्देश दिया ,लेकिन आजतक उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगी,क्योंकि उस कंपनी के संचालक का भाई राज्य का ऊर्जामंत्री जो ठहरा। यह भुगतान पिछले ३ साल से बकाया है,सभी अन्यग्रस्त युवक कामगार न्याय हेतु दर-दर भटक रहे है.

समय रहते अगर उक्त कामगारों को बकाया वेतन ( प्रत्येक को ३ लाख के ऊपर की राशि बकाया है ) नहीं मिला तो महानिर्मिती में उग्र आंदोलन होने की आशंका को नाकारा नहीं जा सकता है.

 – राजीव रंजन कुशवाहा

bawankule
20160806_112510 20160806_112527 20160806_112537 20160806_112412

Advertisement
Advertisement