नागपुर: अपनी ही सरकार के विरोध में मोर्चा खोल चुके सांसद नाना पटोले ने पार्टी नेताओं को व्यक्तिगत हमला न करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहाँ वह किसी पर व्यक्तिगत हमला नहीं करते जो ऐसा कर रहे है उनके पास जो काम है वह वही करे वर्ना वह भी जवाब दे सकते है। नाना ने यह जवाब पार्टी प्रवक्ता माधव भंडारी के उस बयान के जवाब में दिया। जिसमे उन्होंने नाना को आदत से मजबूर और दलबदलू बताया है। भंडारी ने यह भी कहाँ था की जिस पार्टी ने उन्हें इतना दिया वह उसके खिलाफ ही बोल रहे है इसका प्रतिउत्तर देते हुए नाना ने जवाब दिया की किसको पार्टी ने क्या दिया है वह उसका हिसाब देंगे। जब पार्टी के पास कुछ नहीं था तब वह इसमें शामिल हुए थे कोल्हापुर में बाकायदा उनका सत्कार किया गया था। वह जनप्रतिनिधि है जनता की समस्याओ को रखेंगे। सरकार लोगो को तकलीफ दे रही है वह इसी पर बात कर रहे है।
बीजेपी के शाशनकाल में किसान आत्महत्या बढ़ी है। चुनाव के समय किये गए वादों को पूरा नहीं किया गया है। मैंने जो बात कही वही बात पार्टी के थिंक टैंक संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत भी कह चुके है। मेरा संघ के कोई संबंध नहीं रहा है लेकिन जिनका है उन्हें तो बात माननी चाहिए। किसान आत्महत्या,बेरोजगारी की समस्या बढ़ी है। जनता परेशान है बजाए उसकी समस्याओं को सुलझाने के मी लाभार्थी नाम से सरकार ऐड कैम्पेन चला रही है। एक ओर बजट में कटौती की जा रही दूसरी तरफ पैसे फूँके जा रहे है। सही मायने में मेरे अनुसार जनता लाभार्थी नहीं है सरकार लाभार्थी है। कालेधन पर लगाम लगाने की बात कहते हुए नोटबंदी का फैसला किया गया लेकिन किसके पास से काला धन निकला इसकी जानकारी अब तक सरकार ने नहीं दी है। इस फैसले की वजह से जनता को भरी दिक्कतों का सामना करना पड़ा 300 लोग शहीद हो गए। प्रधानमंत्री ने 50 दिनों के भीतर हालत बदलने का वादा देश से किया गया था पर स्थिति अब भी जस की तस ही है। नोटबंदी के बाद आम आदमी के पास के पैसे बैंको में जमा करा लिए गए। यह फैसला सिर्फ बैंको को फायदा पहुंचाने के लिए लिया गया था।
सरकार के कामकाज से कई सांसद असंतुष्ट समय आने पर होगा खुलासा
नाना पटोले ने साफ़ किया की जन समस्याओं को लेकर वह पार्टी के कई सांसदों से लगातार संपर्क में है। उन्होंने कइयों से व्यक्तिगत मुलाकात भी है जिसमे उन्होंने सरकार के कामकाज पर नाराजगी जताई है। नाना के मुताबिक पार्टी के कामकाज से कई सांसद नाराज़ है जिसका खुलासा वह समय आने पर करेंगे।
अब तक नहीं लिया कोई भी राजनीतिक फैसला
अपनी ही पार्टी के ख़िलाफ़ बगावत का बिगुल फूँक चुके नाना पटोले को अन्य दलों से ऑफर मिल रहे है। इन ऑफ़र पर उन्होंने साफ किया की उन्हें खुद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक चव्हाण की तरफ से उनकी पार्टी में शामिल होने का निमंत्रण मिल चुका है लेकिन उन्होंने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। बतौर सांसद अभी उनका दो वर्ष का कार्यकाल बचा है वह इसे पूरा करने के बाद ही कोई फैसला लेंगे।
संसद से शीतकालीन अधिवेशन के दौरान राहुल गाँधी से मुलाकात
विदर्भ में कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव की वजह से हुई मौतों पर नाना पटोले ने इस मामले की जाँच के लिए सर्वदल समिति के गठन की माँग लोकसभा अध्यक्षा को पत्र लिखकर की थी। इसी सिलसिले में वह विपक्षी दलों के प्रमुखों से भी मिल रहे है। इसी क्रम में उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी को भी पत्र लिखकर मुलाकात का समय माँगा था। यह मुलाकात संसद के शीतकालीन अधिवेशन के दौरान होने की जानकारी नाना पटोले ने दी। उन्होंने बताया की उन्हें राहुल गाँधी का फ़ोन आया था जिसमे उन्होंने अधिवेशन के दौरान मुलाकात करने की हामी दी है। नाना ने यह भी बताया की उन्होंने प्रधानमंत्री,लोकसभा अध्यक्षा और कृषि मंत्री को भी पत्र लिखा था जिनमे से किसी का भी जवाब उन्हें प्राप्त नहीं हुआ।
1 दिसंबर को अकोला में किसान सम्मेलन
1 दिसंबर को विदर्भ के अकोला में भव्य किसान सम्मेलन लेने की जानकारी देते हुए नाना ने बताया की इसमें कपास, सोयाबीन और धान के किसानो की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान पार्टी से नाराज चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा औरशत्रुध्न सिन्हा भी उपास्थित रहेंगे। सम्मेलन में किसानो की समस्याओं के साथ ही नोटबंदी के बाद बने हालातों और सरकार की नकमियाबियो पर भी चर्चा की जाएगी।