Published On : Wed, Mar 22nd, 2017

संसद में भी गूँजा राज्य के निवासी डॉक्टरों की हड़ताल का मुद्दा

doctors strike
नागपुर:
धुले में डॉक्टर के साथ मरीज के परिजन द्वारा की गई मारपीट के विरोध में राज्य क़रीब साढ़े चार हज़ार निवासी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए है। डॉक्टरो ने काम से समय संरक्षण की माँग सरकार से की है। बुधवार को संसद के दोनों सदनों में भी यह मुद्दा उठा। राज्य के कई सांसदों ने लोकसभा और राज्य सभा में यह मुद्दा उपस्थित किया।

बीजेपी के सांसद और खुद डॉक्टर, डॉ विकास महात्मे से प्रश्नकाल में अपना सवाल रखते हुए कहाँ की जो मरीज ड्यूटी के दौरान डॉक्टरो से मारपीट करते है उन पर गैरजमानती मामला क्यूँ नहीं दर्ज किया जा सकता। राज्यसभा में ही काँग्रेस की सदस्या रजनी पाटिल और लोकसभा में श्रीकांत शिंदे ने भी यह मुद्दा उपस्थित किया।

नागपुर टुडे से हुई बातचीत में डॉक्टर महात्मे ने कहाँ की सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर हर वक्त डर के माहौल में काम कर रहा है। अस्पताल में डॉक्टर से आये दिन होने वाली मारपीट को सामान्य घटना के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। आज हालात ये है की ऐसी ही घटनाओ की वजह से सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर काम करना नहीं चाहते। काम मानधन और सुविधाओं के बीच जो काम कर भी रहे है वह समाज के प्रति अपने दायित्व का निर्वाहन कर रहे है।

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यह समाज की भी जिम्मेदारी है की वह जान बचाने वाले की कद्र करे। डॉक्टरो को बुरी तरह पीटा जाना गलत है। किसी भी एमरजेंसी घटना हो जाने के बाद सामना सीधे सरकारी अस्पताल से होता है ऐसे में जाहिर है की वहाँ काम करने वालो को बेहतर माहौल और सुरक्षा का भरोषा मिलना ही चाहिए। महात्मे के मुताबिक़ वह खुद डॉक्टर है इसलिए डॉक्टरो का पक्ष नहीं ले रहे है यह मसाला गंभीर है इसलिए समाज को भी अपना रुख बदलना पड़ेगा।

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