पारिवारिक आत्महत्या के अलावा दूसरा मार्ग नही
भद्रावती (चंद्रपुर)। चंद्रपुर जिले में दारुबंदी करने से पहले हमारा पुनर्वसन करे अन्यथा दारुबंदी होने के बाद हम बेरोजगार होगे, संपुर्ण परिवार की उपजीविका और बच्चों की शिक्षा, विवाह का तालमेल बिघड जायेगा. जिससे हमें पारिवारिक आत्महत्या के सिवाय दूसरा पर्याय नही है. ऐसा देसी दारू दुकान और बार एंड रेस्टोरेंट कामगारों ने अपनी व्यथा आयोजित पत्रकार परिषद में व्यक्त की.
वृंदावन सभागृह में ली गई पत्रकार परिषद में 200 से अधिक महिला और पुरुष कामगारों की उपस्थिती थी. इस दौरान सभी कामगारों ने व्यवसाय बंद होने पर हम रास्ते पर आ जाएंगे ऐसा कहकर पारिवारिक आत्महत्या के सिवाय दूसरा पर्याय नही है. गत 15 से 25 सालों से हम इस व्यवसाय से जुड़े है. बढ़ती उम्र में हम दूसरा कोई काम नही कर सकते. दारुबंदी से बार के समीप पानठेले व्यावसाईको को भी आर्थिक नुकसान होगा ऐसा कहां गया. हमारी व्यथा 20 फरवरी को महाराष्ट्र राज्य मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को निवेदन द्वारा तहसीलदार के माध्यम से बताएँगे ऐसा इस दौरान बताया गया.
हमारी मांगों पर विचार नही होने पर हम लोकशाही मार्ग से अलग-अलग आंदोलन का मार्ग अपनाएंगे. ऐसा इशारा भी उन्होंने आयोजित पत्र परिषद में किया. इस दौरान देसी दारू दुकान और बार कामगार संघटना के अध्यक्ष निर्धार घुगुल, सचिव विनोद खोब्रागडे, उपाध्यक्ष संगीता धोपटे, सह सचिव सतीश गोवारदीपे, कोषाध्यक्ष संतोष उंबरकर, सदस्य राजेश येरने, अरुण ठवसे, जयवंत देवगड़े समेत असंख्य कामगार उपस्थित थे.