Published On : Fri, Dec 1st, 2017

लेंडी तालाब पर बसे एक भी घर टूटने नहीं देंगे

Advertisement


नागपुर: जिलधिकारी कार्यालय द्वारा लेंडी तालाब पर अतिक्रमण करने वालों को हटने का फतवा जारी होते ही लाखों नागरिकों में दहशत का वातावरण छा गया. इस आफत से मुक्ति दिलाने के लिए स्थानीय नागरिकों ने कांग्रेस के नगरसेवक रमेश पुणेकर से मदद मांगी. पुणेकर ने आज सुबह सैकड़ों नागरिकों की उपस्थिति में उनकी गुहार सुनी और वहीं से मध्य नागपुर के विधायक विकास कुंभारे से मोबाइल का स्पीकर शुरू कर त्रस्त नागरिकों के दर्द से उनको रु-ब-रु कराया और इन्हें मदद करने की गंभीर पहल की मांग की. तो विधायक कुंभारे ने उपस्थित नागरिकों को आश्वस्त किया कि एक भी घर टूटने नहीं देंगे. १४ दिसंबर के बाद नागरिकों से विस्तृत चर्चा कर जिलाधिकारी से मुलाकात करेंगे.

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री ने मनपा के लगभग २ दर्जन प्रलंबित मुद्दों के निपटारा के लिए नागपुर में गत सप्ताह एक अहम बैठक ली. इस बैठक में सत्तापक्ष द्वारा मध्य नागपुर के ऐतिहासिक लेंडी तालाब भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्ति दिलवाने के साथ तालाब को पुनर्जीवित करने की पुरजोर मांग की गई. इस मांग को तवज्जो देते हुए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को मांग के अनुरूप पहल करने के निर्देश दिए. जिलाधिकारी कार्यालय ने भी मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन करते हुए लेंडी तालाब की मूल जमीन की गणना और तालाब की भूमि पर अतिक्रमण कर वर्षों से पीढ़ी-दर-पीढ़ी से रह रहे नागरिकों को नोटिस थमाया, इस नोटिस से अतिक्रमणकारियों में भूचाल आ गया, इससे सभी सहम गए.

स्थानीय नागरिकों ने कांग्रेस नगरसेवक रमेश पुणेकर और पूर्व के कई नेताओं से मुलाकात कर आई आफत से मुक्ति दिलवाने की मांग की. जब कहीं से मदद नहीं मिली तो वे पुणेकर के साथ आज बैठक कर आप बीती सुनाते हुए उनसे मदद की मांग की.नपुणेकर ने हरसंभव मदद का आश्वासन देने के साथ ही विधायक कुंभारे से तुरंत चर्चा कर स्थानीय नागरिकों को तत्काल राहत दिलवाई.

Gold Rate
13 June 2025
Gold 24 KT 99,400 /-
Gold 22 KT 92,400 /-
Silver/Kg 1,07,100/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above


पुणेकर के अनुसार कई पीढ़ी से लोग लेंडी तालाब की भूमि पर रह रहे हैं. आज बचा हुआ तालाब कोई काम का नहीं है. इसमें मूर्ति विसर्जन आदि होते रहता हैं. शहर को पानी की उपलब्धता के लिए निकट के नाईक तालाब को प्रशासन ने अधिग्रहण कर नाईक परिवार को मुआवजा देना चाहिए. इस तालाब में छोड़े जा रहे गंदे पानी पर अंकुश लगाना चाहिए, ताकि यह नाईक तालाब पहले की तरह पुनर्जीवित होकर आसपास के नागरिकों के लिए हितकारी साबित हो सके. साथ ही जिला प्रशासन ने जिलाधिकारी कार्यालय के अधीन शहर के निकट खुली जगह पर चारों ओर बड़े-बड़े तालाबों का निर्माण करना चाहिए. उक्त नागरिकों को जिला प्रशासन के खौफ से मुक्ति दिलाने के लिए न्यायालय जाने की नौबत आई तो वे पीछे नहीं हटेंगे.

Advertisement
Advertisement
Advertisement