Published On : Thu, Mar 23rd, 2017

महाविद्यालयों और विभागों की लापरवाही से विद्यार्थी स्कॉलरशिप से वंचित

students
नागपुर:
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज विद्यापीठ (रातुमवि) से संलग्न महाविद्यालयों में पढ़ रहे स्नातक और स्नातोकत्तर विद्यार्थी दूसरे वर्ष की स्कॉलरशिप से वंचित रह सकते हैं। शहर के कई महाविद्यालयों के प्रशासन की लापरवाही के कारण विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी। दरअसल प्रथम सत्र में महाविद्यालय में प्रवेश के बाद महाविद्यालय प्रबंधन की जिम्मेदारी होती है कि वे अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप से सम्बंधित जानकारी दे और सम्पूर्ण कागजात लेकर नागपुर विद्यापीठ के स्कॉलरशिप विभाग में जमा कराए। दूसरे सत्र में इसी फॉर्म को रिन्यूअल करना होता है और सम्बंधित विद्यार्थियों के दस्तावेज और स्कॉलरशिप फॉर्म को नागपुर विद्यापीठ के स्कॉलरशिप विभाग में जमा कराना होता है। जिसके बाद विद्यापीठ के स्कॉलरशिप विभाग की ओर से यह जानकारी समाज कल्याण विभाग तक पहुँचाई जाती है। लेकिन कुछ महाविद्यालयों की ओर से इतनी लेटलतीफी दिखाई गई है कि अब तक सैकड़ो विद्यार्थियों के फॉर्म विद्यापीठ के स्कॉलरशिप विभाग में ही नहीं पहुंचे हैं।

समाज कल्याण विभाग की ओर से सम्बंधित महाविद्यालय में विद्यार्थी की स्कॉलरशिप जमा कराई जाती है। जिसके बाद महाविद्यालय प्रबंधन की ओर से ट्यूशन फीस और विभिन्न शुल्क काटकर विद्यार्थियों के बैंक खातों में स्कॉलरशिप के शेष पैसे जमा कराए जाते हैं। लेकिन महाविद्यालयों के लापरवाही के कारण 2016 -17 के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप तो मिलेगी ही नहीं साथ ही इसके इन विद्यार्थियों को अब सभी शुल्क भी महाविद्यालय में जमा कराने होंगे।उन्हें स्कॉलरशिप का कानून होने के बाद भी पैसे महाविद्यालय में भरने होंगे। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज विद्यापीठ के स्कॉलरशिप विभाग से जब इस बारे में संपर्क किया गया तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अमरावती रोड के कैंपस में कुछ विभागों को विद्यार्थियों के स्कॉलरशिप के फॉर्म जमा कराने के लिए विभागों को पत्र दिया गया था। लेकिन फिर भी विभागों ने कोई भी कारगर कदम नहीं उठाया। उन्होंने बताया कि अब स्कॉलरशिप के फॉर्म भरने की तारीख निकल चुकी है। अगर महाविद्यालयों और कैंपस के विभागों की ओर से विद्यार्थियों के डॉक्यूमेंट लाकर दिए जाते हैं तो वे समाज कल्याण भेज सकते है। जिससे उम्मीद है कि विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप मिले।

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