* विश्वविद्यालय प्रशासन ने कसा शिकंजा
नागपुर: नागपुर विश्वविद्यालय के सात विभागाध्यक्षों से रंगदारी मांगने के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने डॉ धर्मेश धवनकर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया है।
उन्हें 7 जनवरी तक अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया गया है, तब तक के लिए उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में आने से प्रतिबंधित भी बताया जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर इस संबंध में जानकारी नहीं दी है। हालांकि विवि प्रशासन के एक वरिष्ठ सूत्र ने इस मामले पर सफाई दी है। सूत्र का यह भी कहना है कि इस संबंध में एक पत्र जारी किया गया था।
हाल ही में विश्वविद्यालय के सात विभागाध्यक्षों ने डॉ. धर्मेश धवनकर के खिलाफ कुलपति से शिकायत की थी। इस शिकायत के अनुसार, धवनकर ने झूठी शिकायतों का डर दिखाकर विभागाध्यक्ष से लाखों रुपए की उगाही की। इस संबंध में सात विभागों के सभी प्रमुखों ने मिलकर कुलपति से शिकायत की थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुरुआत में तो इस मामले की अनदेखी की।
लेकिन कई समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के पश्चात कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। शुरुआत में तीन दिन में जवाब देने को कहा गया। इसके बाद और सात दिन का समय दिया गया। 28 नवंबर को धवनकर ने नोटिस का जवाब दिया; लेकिन प्रशासन के इस जवाब से संतुष्ट न होने पर प्रशासन ने उन्हें अनिवार्य अवकाश पर भेजने की कार्रवाई की है।