Published On : Tue, Mar 10th, 2020

धरमपेठ के समीप प्लास्टिक व्यापारी के गोदाम में भीषण आग

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नागपुर. धरमपेठ झंडा चौक के समीप प्लास्टिक व्यापारी के गोदाम में सोमवार की सुबह आग लग गई. भीषण आग में पूरा गोदाम जलकर खाक हो गया. दमकल विभाग को 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाने में सफलता मिली. बताया जाता है कि रिहायशी इमारत से व्यवसायिक गतिविधियां चलाई जा रही थी. धरमपेठ के गजानन मंदिर के बिलकुल पीछे 2 मंजिला इमारत में जीतेंद्र जैन का सचिन प्लास्टिक नामक गोदाम है. पहले जैन यहां दूकान भी चलाते थे, लेकिन रिहायशी इमारत होने के कारण महानगर पालिका ने जैन को नोटिस दिया था. इसके बाद जैन ने इमारत को गोदाम बना लिया था. यहां प्लास्टिक का फर्नीचर और घरेलू उपयोगी सामान रखा हुआ था. सुबह 6.10 बजे के दौरान परिसर में मार्निंग वॉक करने निकले एक व्यक्ति को गोदाम से धुआं निकलता दिखाई दिया.

उन्होंने घटना की जानकारी फायर कंट्रोल रूम को दी. खबर मिलते ही 2 दमकल वाहन घटनास्थल पर रवाना हुए. इसी बीच छत पर फंसे बंटी नामक कर्मचारी को दमकल कर्मियों ने आग के बीच से सकुशल बाहर निकाला. पूरा गोदाम आग की लपटों में घिर चुका था. स्थिति को देखते हुए 2 वाहन और बुलाए गए. दाईं तरफ तो गंगा-शंकर नामक बंगला बंद पड़ा था, लेकिन बाईं ओर लखनलाल जायसवाल का बंगला है. आग उनके घर तक न पहुंचे इसीलिए दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत की. करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया गया.

आग लगने का कारण पता नहीं चल पाया है. दमकल विभाग का कहना है कि गोदाम में आग बुझाने का कोई इंतजाम नहीं था. जांच करने पर पता चला कि बीती रात छत पर भोजन पकाया गया था. बताया जाता है कि एक कर्मचारी छत पर सोया था, जबकि 2 लोग नीचे सोए थे. आग लगने का कारण तो फिलहाल पता नहीं चल पाया है, लेकिन अनुमान है कि छत पर जलाए गए चूल्हे से ही आग लगी होगी. आग की लपटें इतनी भयानक थी कि पूरी इमारत में दरारें आ गई हैं. अब इमारत रहने योग्य नहीं है.

डिप्टी सिग्नल में जले 10 झोपड़े
डिप्टी सिग्नल के आदिवासीनगर इलाके में भी सोमवार की सुबह आग लगी. इस आग में 10 झोपड़े जलकर खाक हो गए. घर का सामान, पैसा, अनाज सब कुछ जलकर खाक हो गया. सुबह 11.35 बजे के दौरान दमकल विभाग को आदिवासीनगर के 4 झोपड़ों में आग लगने की जानकारी मिली. खबर मिलते ही कलमना और लकड़गंज फायर स्टेशन से दमकल वाहन घटनास्थल पर रवाना किए गए. देखते ही देखते एक लेन में बने झोपड़े आग की चपेट में आने लगे. स्थिति को देखते हुए 6 वाहन और बुलाए गए. धर्मेंद्र लांजेवार, प्रथम गोपी प्रसाद, वेलचंद्र पत्ती, यशवंत दांडेकर, देवचंद यूनादी, शहनाज अब्दुल शेख, सिमरन सुरेश वर्मा, सतीश सहारे, कल्पना जामने और किशोर मेश्राम सहित 10 लोगों के झोपड़े धू-धू कर जलने लगे.

घरों में गैस सिलेंडर रखे होने के कारण कलमना पुलिस ने नागरिकों को परिसर से दूर कर दिया था. दमकलकर्मी आग बुझा ही रहे थे कि किसी एक झोपड़े में रखा सिलेंडर ब्लास्ट हो गया. संयोग से कोई जनहानि नहीं हुई. आग बुझाते समय दमकल कर्मियों ने 3 गैस सिलेंडर बाहर निकाले. वरना बड़ा हादसा हो सकता था. करीब 3 घंटे बाद आग पर काबू पाया गया. सभी मजदूर वर्ग के लोग हैं. आग में सभी की गृहस्थी उजड़ गई. आग लगने का कारण पता नहीं चल पाया है. दमकल विभाग के अनुसार सभी घर का अनाज, घरेलू सामान, रुपये और गहने जलकर खाक हो गए.