राष्ट्रीयकृत बैंक के व्यवस्थापक का आश्वासन
वरूड (अमरावती)। तालुका के किसानों को बिना फसल के लिए 13 करोड 75 लाख प्राप्त हुए है. इसका लाभ कुल दस हजार आठसौ किसानों को मिलेगा. पटवारियों ने एक महीने पहले तहसील कार्यालय की ओर आपदाग्रस्त किसानों की सूचि तैयार की. लेकिन किसानों के खाते में पैसे जमा नही हुए. इसकी जानकारी पूछने के लिए बनोडा के किसान बैंक में गए. इस दौरान किसानो को कर्जे के पैसे जमा करने पड़ेगे ऐसा सेंट्रल बैंक के व्यवस्थापक ताराकांत चौधरी ने बताया. जिससे कुछ किसान भड़के और उन्होंने स्वाभिमानी किसान संघटना के नेते देवन्द्र भुयार को फोन करके इसकी जानकारी दी.
भुयार तुरंत बेनोडा सेंट्रल बैंक पहुंचे तथा व्यवस्थापक ताराकांत चौधरी से चर्चा की. इस दौरान कुछ समय तनाव का माहोल निर्माण हुआ था. बैंक व्यवस्थापक ने पुलिस को बुलाया था. लेकिन भुयार की पालकमंत्री से चर्चा करने के बाद मामला शांत हुआ और किसानों के पैसे कर्ज में ना काटते हुए उनके खाते जमा करेंगे ऐसा आश्वासन व्यवस्थापक ताराकांत चौधरी ने उपस्थित किसानों को दिया.
महाराष्ट्र शासन ने जिरायती के लिए प्रती हेक्टर 4,500 रूपये, बागायती के लिए 9 हजार तथा फलबाग के लिए 12,000 रूपये प्रती हेक्टर ऐसी घोषणा की. इसके लिए समाचार पात्र से एक महीने से शासन के मदद की प्रसिद्धि की थी. राज्य शासन किसानों को मदद सीधी उनके बैंक खाते में जमा होने की घोषणा हर दिन होती रहती है. लेकिन मदद देने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंक की जांच हर हफ्ते में उच्च अधिकारी ने करनी चाहिए तभी किसानों की लूट रुकेंगी अन्यथा यह सिलसिला ऐसे ही चलते रहेगा.
ग्रामीण क्षेत्र से सैकड़ों किसान बैंक में जाकर पैसे जमा हुए की नहीं ऐसी पूछताछ करते थे. लेकिन बैंक के अधिकारी किसानों किसी भी प्रकार की जानकारी नही देते थे. आखिर तुम लोगों की रकम कर्ज में जमा की जाएगी ऐसा बताने पर किसानों का सय्यम टुटा और 200 किसानों ने भुयार के नेतृत्व में बैंक पर मोर्चा निकाला. जिससे किसानों को न्याय मिला. इस दौरान स्वाभिमानी किसान संघटना के नेते देवन्द्र भुयार, गोपाल नांदुरकर, गजानन चोरे, केशवराव जिचकार, विनोद कानडे समेत सैकड़ों किसान उपस्थित थे.